CAA Protest in UP : सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी के लिए UP पुलिस ने बनाई वॉच लिस्ट
पुलिस व खुफिया तंत्र सीएए के विरोध में हिंसा के आरोपितों के बारे में भी और गहनता से छानबीन कर रही है और उनकी सोशल मीडिया पर रही सक्रियता को भी नए सिरे से देखा जा रहा जा रहा है।
लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुई हिंसा के मामले में पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद समेत तीन सदस्यों की लखनऊ में गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संदेशों पर करीब से निगाह रखने के लिए वॉच लिस्ट भी बनाई है। इस सूची में शामिल लोगों की सोशल मीडिया की गतिविधियों पर खास नजर रखी जा रही है।
पीएफआइ के सदस्यों के खिलाफ पूर्व में दर्ज कराए गए मुकदमों का विवरण भी नए सिरे से खंगाला जा रहा है। पुलिस व खुफिया तंत्र सीएए के विरोध में हुई हिंसा के मामलों में आरोपितों के बारे में भी और गहनता से छानबीन कर रही है और उनकी सोशल मीडिया पर रही सक्रियता को भी नए सिरे से देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक व भड़काऊ पोस्ट को लेकर दर्ज कराए गए मुकदमों की जांच भी तेज कर दी गई है। वॉच लिस्ट के तहत अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है।
पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल करीब 16000 आपत्तिजनक पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई की है। 120 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार भी किया गया है। लखनऊ समेत कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बाधित कराई गई हैं और इस दौरान सोशल मीडिया पर चल रही गतिविधियों की समीक्षा भी कराई जा रही है। मसलन, सीएए के विरोध व पक्ष में किस तरह के संदेश वायरल किए जा रहे हैं और वे किस प्रकार लोगों को प्रभावित कर सकते हैं। आइजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी के अनुसार सोशल मीडिया की गतिविधियों की मानीटरिंग डीजीपी मुख्यालय स्तर से भी की जा रही है।
बता दें कि राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा के साजिशकर्ताओं के नाम उजागर होने लगे हैं। सिमी और रिहाई मंच के बाद अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की भूमिका सामने आई है। लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक 20 दिसंबर को पीएफआइ के स्टेट प्रेसीडेंट वसीम अहमद को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में उसके दो साथियों नदीम और अशफाक के नाम सामने आए हैं। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।