बसपा अध्यक्ष मायावती जताई नाराजगी, कहा- प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर कांग्रेस भी ले सबक
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कांग्रेस नेता दिल्ली में प्रवासी मजदूरों से मिलने के दौरान कुछ आर्थिक मदद या भोजन आदि की व्यवस्था करते तो बेहतर होता।
लखनऊ, जेएनएन। प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस पर भी निशाना साधा है। पंजाब और चंडीगढ़ की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कांग्रेस को सबक लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता दिल्ली में प्रवासी मजदूरों से मिलने के दौरान कुछ आर्थिक मदद या भोजन आदि की व्यवस्था करते तो बेहतर होता।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने रविवार को ट्वीट कर प्रवासी श्रमिकों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की। उन्होंने लिखा, कि 'जैसा कि विदित है कि बीजेपी शासित राज्यों में भी प्रवासी मजदूरों की लगातार घोर उपेक्षा आदि के कारण काफी श्रमिकों के परिवारों को आए दिन दुर्घटना का शिकार होना पड़ रहा है। इन दुर्घटनाओं में अभी तक काफी दर्दनाक मौतें भी हो चुकी है, जो अतिनिंदनीय है।'
1. जैसाकि विदित है कि बीजेपी-शासित राज्यों में भी प्रवासी मजदूरों की लगातार हो रही घोर उपेक्षा आदि के कारण काफी श्रमिकों के परिवारों को आयेदिन दुर्घटना का भी शिकार होना पड़ रहा है, जिसमें अभी तक इनकी काफी दर्दनाक मौतें भी हो चुकी हैं, जो अति-दुःखद हैं। — Mayawati (@Mayawati) May 17, 2020
मायावती ने कहा कि 'इससे कांग्रेसी नेताओं को भी सबक लेना चाहिए क्योंकि पंजाब व चंडीगढ़ से यूपी के काफी मजदूर सरकार की अनदेखी व उपेक्षा होने की वजह से यमुना नदी के जरिए भी घर वापसी कर रहे है। इनके साथ कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। ऐसे में बेहतर होगा कि कांग्रेस पार्टी अपनी 1000 बसें यूपी भेजने के बजाए उन्हेंं पहले पंजाब व चंडीगढ़ ही भेज दे ताकि वे पीडि़त श्रमिक यमुना नदी में अपनी जान जोखिम में डालने के बजाए सुरक्षित यूपी पहुंच सकें।'
2. जबकि इससे कांग्रेसी नेताओं को भी सबक सीखना चाहिये क्योंकि पंजाब व चण्डीगढ़ से काफी प्रवासी यूपी के मजदूर लोग, सरकार की अनदेखी व उपेक्षा होने की वजह से, यमुना नदी के जरिये भी घर वापसी कर रहे हैं, जिनके साथ कभी भी कोई दुर्घटना आदि हो सकती है। 2/4— Mayawati (@Mayawati) May 17, 2020
मायावती ने यह भी कहा कि कांग्रेसी नेता दिल्ली में मजदूरों से मिलने के दौरान यदि प्रवासी मजदूरों की कुछ आर्थिक मदद व खाने आदि की व्यवस्था भी कर देते तो उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिल जाती। कांग्रेस को उनके दुख-दर्द को बांटने के साथ बीएसपी की तरह उनकी कुछ मदद भी जरूर करनी चाहिए।