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BSP Chief Mayawati: बसपा मुखिया मायावती बोलीं-उत्तर प्रदेश में न कानून का डर,न कानून का राज

BSP Chief Mayawati मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब न तो कानून का डर है और न ही कानून का राज है। प्रदेश में बढ़ते अपराध से यहां की आम जनता परेशान है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 12:11 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 03:26 PM (IST)
BSP Chief Mayawati: बसपा मुखिया मायावती बोलीं-उत्तर प्रदेश में न कानून का डर,न कानून का राज
BSP Chief Mayawati: बसपा मुखिया मायावती बोलीं-उत्तर प्रदेश में न कानून का डर,न कानून का राज

लखनऊ, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में भी बढ़ते अपराध से बेहद परेशान हैं। चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने सोमवार को मीडिया संदेश जारी किया। 

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मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब न तो कानून का डर है और न ही कानून का राज है। प्रदेश में बढ़ते अपराध से यहां की आम जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि यह तो बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोरोना वायरस के संक्रमण काल में भी उत्तर प्रदेश में अपराध चरम पर है जबकि प्रदेश सरकार का दावा है कि लॉकडाउन तथा अनलॉक में पुलिस बेहद मुस्तैद है। 

मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध का शिकार पुलिस के साथ ही लोकतंत्र का चौथा खंभा यानी मीडिया भी है। आजमगढ़ मंडल के बलिया में सोमवार को पत्रकार की हत्या बेहद ही दुखद है। मायावती ने कहा कि प्रदेश में आम आदमी ही अब जुल्म तथा ज्यादती का शिकार है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के गैंगस्टर तथा एनएसए के तहत कार्रवाई करने के बाद भी अपराध तथा अपराधी नियंत्रण में नहीं है। लगता है कि प्रदेश में कानून का अनुचित व द्वेषपूर्ण प्रयोग हो रहा है। जिसके कारण ही अपराधी बेखौफ हो गए हैं।

बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को अब हमारे चार बार के कार्यकाल के समय की कानून-व्यवस्था याद आने लगी है। गरीब, मजदूर तथा कमजोर वर्ग के लोग काफी परेशान हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार की बदहाली का हाल यह है कि बात-बात पर रासुका, देशद्रोह व अन्य अति संगीन धाराओं के इस्तेमाल के बावजूद भी यहां अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी काल में भी अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया जगत के लोग भी यहां आए दिन हत्या व जुर्म के शिकार हो रहे हैं। आजमगढ़ मंडल में हुई पत्रकार की हत्या इसका ताजा उदाहरण है।


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