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Bihar Assembly Elections 2020 : मुजफ्फरपुर में दोनों गठबंधन टिकट बंटवारे के लिए इन समीकरणों को साधने की कर रहे कोशिश, जानिए

Bihar Assembly Elections 2020 एनडीए की तुलना में महागठबंधन के लिए सीटों का चयन थोड़ा आसान। जिले की 11 सीटों पर नए समीकरण व दल के बीच नए चेहरे की भी तैयार हो रही जमीन।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 11:29 AM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 11:29 AM (IST)
Bihar Assembly Elections 2020 : मुजफ्फरपुर में दोनों गठबंधन टिकट बंटवारे के लिए इन समीकरणों को साधने की कर रहे कोशिश, जानिए
Bihar Assembly Elections 2020 : मुजफ्फरपुर में दोनों गठबंधन टिकट बंटवारे के लिए इन समीकरणों को साधने की कर रहे कोशिश, जानिए

मुजफ्फरपुर, [ प्रेम शंकर मिश्रा] । Bihar Assembly Elections 2020 : चुनाव की चर्चा के बीच वर्तमान जनप्रतिनिधियों और पिछली बार चूके प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। कुछ नए दल भी इंट्री को तैयार हैं। जिले की 11 सीटों के लिए नए समीकरण की भी सुगबुगाहट है। इनमें कुछ ऐसी सीटें भी हैं, जहां दोनों बड़े गठबंधनों में टिकट बंटवारे को लेकर माथापच्ची करनी पड़ रही। एनडीए के लिए कई सुलझी सीटें हैं तो कई उलझी। इस बीच दो पार्टियां जन अधिकार पार्टी (जाप) और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) मैदान में दिख सकती है।

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भाजपा-जदयू की पांच-पांच सीटों पर हो सकती उम्मीदवारी

सीटिंग सीट नगर, पारू व कुढऩी पर भाजपा की दावेदारी ही रहेगी। वर्तमान विधायक क्रमश: सुरेश शर्मा, अशोक कुमार सिंह व केदार प्रसाद गुप्ता प्राथमिकता में रहेंगे। बोचहां विधायक बेबी कुमारी के पार्टी में आने से यहां भी भाजपा का दावा रहेगा। औराई भी भाजपा के खाते में रह सकती है। गायघाट में राजद से जदयू में आए वर्तमान विधायक महेश्वर प्रसाद यादव को अंतिम राजनीतिक पारी खेलने का मौका मिल सकता है।

बरुराज में टिकट के लिए घमासान

कांटी विधायक अशोक कुमार चौधरी सकरा से जदयू के टिकट पर लडऩा चाह रहे। बरुराज में भाजपा उम्मीदवार अरुण कुमार सिंह कम अंतर से पराजित हुए थे। मगर, जदयू के नेताओं की भी यहां तैयारी यहां चल रही। मीनापुर सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अजय कुमार राजद के राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव से पराजित हुए थे। जदयू यहां दावा कर सकता है। कांटी से एनडीए के 'हम' प्रत्याशी पूर्व मंत्री अजीत कुमार पराजित हुए थे, यहां भी जदयू की दावेदारी हो सकती है। उम्मीदवारी के लिए चिकित्सक डॉ. राजीव कुमार जोर आजमाइश कर रहे हैं। पिछले चुनाव में लोजपा को बोचहां में उम्मीदवारी मिली थी। मगर, अब दूसरी सीट का चयन इस पार्टी के लिए करना होगा। ऐसे में साहेबगंज पर भाजपा व लोजपा के बीच निर्णय लेने में मशक्कत होगी। इस तरह जिले की 11 सीटों में से भाजपा-जदयू पांच-पांच व लोजपा को एक सीट पर उम्मीदवारी मिल सकती है। जिला भाजपा अध्यक्ष रंजन कुमार कहते हैं कि पार्टी की तैयारी सभी सीटों पर है। पिछले चुनाव में नौ सीटों पर भाजपा लड़ी थी। इतनी सीटों का प्रयास है। ऐसे गठबंधन का शीर्ष नेतृत्व जो निर्णय लेगा वह स्वीकार होगा।

सहयोगियों को चार से पांच सीटें दे सकता राजद

राजद ने छह सीटें औराई, मीनापुर, सकरा, बरुराज, साहेबगंज व गायघाट जीती थीं। इस बार रालोसपा, कांग्रेस व वीआइपी के राजद के साथ लडऩे की बात कही जा रही। वामदल भी इस गठबंधन के करीब आ रहे। ऐसे में राजद को भी सीटों के तालमेल में काफी गुणा-भाग करना होगा। सीटिंग सीटों पर अधिक चर्चा की गुंजाइश नहीं बन रही। हां, गायघाट विधायक के जदयू में चले जाने से यह सीट सहयोगियों के लिए छोड़ी जा सकती है। ऐसे में यहां वीआइपी के लिए जगह बनती दिख रही।

बोचहां पर राजद का हो सकता दावा

नगर सीट पर महागठबंधन में तब जदयू से लड़े पूर्व विधायक विजेंद्र चौधरी कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। अगर, कांग्रेस गठबंधन में रहती है तो यहां उम्मीदवारी मिल सकती है। बोचहां से राजद गायघाट की भरपाई कर सकता है। जदयू छोड़कर राजद जाने वाले पूर्व मंत्री रमई राम प्रत्याशी हो सकते हैं। पारू सीट पर पिछले तीन बार से राजद को हार का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए यह सीट गठबंधन के किसी अन्य दल के खाते में देने पर सहमति बन सकती है। कांटी सीट पर भी वर्ष 2000 के बाद से चार चुनावों में राजद प्रत्याशी को हार मिली है। जिच होने पर यह सीट भी गठबंधन के अन्य दलों को दिया जा सकता है।


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