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छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले भाजपा का नया लक्ष्य, 90 दिन-90 विधानसभा

कार्यकर्ताओं को प्रदेशभर में भाजपामय माहौल बनाने के लिए 90 दिन, 90 विानसभा का लक्ष्य दिया गया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 10:44 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 10:44 PM (IST)
छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले भाजपा का नया लक्ष्य, 90 दिन-90 विधानसभा
छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले भाजपा का नया लक्ष्य, 90 दिन-90 विधानसभा

रायपुर, नईदुनिया। विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा ने अब कार्यकर्ताओं को नया लक्ष्य दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने 'सबसे मजबूत, हमारा बूथ' अभियान पूरा होने के साथ ही कार्यकर्ताओं और पदाकिारियों को नया लक्ष्य दिया है। अगले 90 दिन में कार्यकर्ताओं को अपनी-अपनी विधानसभा में सक्रिय रहना है। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता मतदाता सूची में नाम जोड़ने, विकास योजनाओं की स्थानीय लोगों को जानकारी देने और सरकार की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए काम करेंगे। धरमलाल कौशिक ने बताया कि अगले 90 दिन में विधानसभा चुनाव आ जाएगा। ऐसे में कार्यकर्ताओं को प्रदेशभर में भाजपामय माहौल बनाने के लिए 90 दिन, 90 विानसभा का लक्ष्य दिया गया है।

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भाजपा प्रदेश संगठन ने 'सबसे मजबूत, हमारा बूथ' अभियान में एक-एक विधानसभा की समीक्षा की। इस दौरान सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि अभी भी कार्यकर्ता चुनावी मोड में नहीं आए हैं। कई बूथों पर संगठन की सक्रियता शून्य है। उन बूथों पर पिछले तीन चुनाव में पार्टी के पक्ष में मत नहीं पड़े। ऐसे में बूथ को चार ग्रेड में बांटकर काम शुरू किया गया है। 90 दिन में भाजपा का फोकस उन बूथों पर रहेगा, जहां पार्टी के पक्ष में माहौल नहीं बन पाया है। यही नहीं, सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से भी संपर्क किया जाएगा। उनको केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की रमन सरकार की अच्छी और जनहितैषी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी।

प्रदेशभर में चला 20 दिनों तक बैठकों का दौर

'सबसे मजबूत, हमारा बूथ' अभियान प्रदेशभर में 20 दिनों तक चला। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, संगठन महामंत्री पवन साय और पार्टी पदाकिारियों ने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया। इस अभियान में बस्तर और सरगुजा संभाग पर पार्टी ने खास फोकस किया। पार्टी के आला पदाकिारियों ने बताया कि इस बार सत्ता की चाबी आदिवासी बेल्ट से निकलेगी। यही कारण है कि पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री रामप्रताप सिंह को बस्तर की 12 विधानसभा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।


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