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CAA Protest : भाजपा ने कहा, लखनऊ में मुस्लिम महिलाओं का धरना कांग्रेस और सपा प्रायोजित

भाजपा ने सीएए के विरोध में लखनऊ में मुस्लिम महिलाओं के धरने को कांग्रेस-समाजवादी पार्टी प्रायोजित बताया है जबकि केंद्र और प्रदेश सरकार तो मुस्लिम महिलाओं की सच्ची हितैषी हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 07:24 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 09:23 AM (IST)
CAA Protest : भाजपा ने कहा, लखनऊ में मुस्लिम महिलाओं का धरना कांग्रेस और सपा प्रायोजित
CAA Protest : भाजपा ने कहा, लखनऊ में मुस्लिम महिलाओं का धरना कांग्रेस और सपा प्रायोजित

लखनऊ, जेएनएन। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में लखनऊ में मुस्लिम महिलाओं के धरने को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी प्रायोजित बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार मुस्लिम महिलाओं की सच्ची हितैषी हैं। भाजपा ही मुस्लिम महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने का हर संभव प्रयास कर रही है।

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रविवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के संरक्षण में हुए हिसंक प्रदर्शन के दोषियों पर सख्त कार्रवाई से विपक्ष में बौखलाहट है। उपद्रवियों पर हो रही कार्रवाई को रोकने के लिए ही महिलाओं को आगे कर प्रायोजित प्रदर्शन कराया गया है। जनता कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की कारस्तानियों को अच्छी तरह से समझ रही है। यही वजह है कि सपा व कांग्रेस की ओर से हर तरह का लालच दिये जाने के बाद भी चंद मुस्लिम महिलाएं ही धरने पर हैं। उनको अपने परिवार वालों का भी समर्थन नहीं मिल रहा है।

प्रदेश प्रवक्ता ने केंद्र व प्रदेश सरकार की मुस्लिम महिलाओं के पक्ष में शुरू कराई गई योजनाओं को गिनाते हुए कहा कि तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास, आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को छह हजार रुपये सालाना की आर्थिक मदद भी देगी।

बता दें कि लखनऊ में भी शुक्रवार से सीएए व एनआरसी के विरोध में मुस्लिम महिलाओं ने खुले आसमान के नीचे डेरा डाल दिया। घंटाघर पार्क में बच्चों के साथ जुटी महिलाएं हाथों में तख्तियां लेकर सीएए व एनआरसी का विरोध कर रही हैं। तख्तियों पर नो सीएए नो एनआरसी और वी रिजेक्ट सीएए-एनआरसी लिखा है। महिलाओं का कहना है कि सीएए के जरिये सरकार हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ना चाहती है। देश के नागरिकों को अपने भारतीय होने का सबूत देने के लिए दर-दर भटकना होगा।


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