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giridhi news बाबूलाल ने कहा, हेमंत सरकार को हटाने तक चलेगा भाजपा का आंदोलन

बाबूलाल ने कहा कि भाजपा का हेमंत हटाओ झारखंड बचाओ आंदोलन जारी रहेगा। भाजपा उन्हें जहां से चुनाव लड़ाएगी वहीं से लड़ेंगे। पिछली राज्यसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी विधायक के नाते वोट भी डाला। इसके बाद भी यह राज्य सरकार मोटो कोगनिजेंस लाई है जिस पर कोर्ट से फटकार मिली।

By Jagran NewsEdited By: Gautam OjhaPublished: Mon, 07 Nov 2022 08:19 PM (IST)Updated: Mon, 07 Nov 2022 08:19 PM (IST)
giridhi news बाबूलाल ने कहा, हेमंत सरकार को हटाने तक चलेगा भाजपा का आंदोलन
बाबूलाल मरांडी, भाजपा विधायक दल के नेता।

जागरण संवाददाता, गिरिडीह : भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि तीन वर्ष से झारखंड का विकास नहीं, बल्कि विनाश हुआ है। चारों ओर लूट मची हुई है। इस सरकार को हटाने तक हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ आंदोलन जारी रहेगा। यह बातें उन्होंने सोमवार को गांडेय में पत्रकारों से कही। वह झामुमो के गढ़ गांडेय से शुरू 'हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ' आंदोलन को लेकर निकाली गई जनाक्रोश रैली में शामिल होने पहुंचे थे। बाबूलाल ने कहा कि भाजपा मध्यावधि चुनाव को तत्पर नहीं है, लेकिन इस भ्रष्ट सरकार को सत्ता में नहीं रहने दिया जाएगा। भ्रष्ट सरकार को हटाने तक भाजपा का राज्यभर में आंदोलन जारी रहेगा। क्योंकि जबतक यह सरकार नहीं हटेगी तब तक इस राज्य में लूट, भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा।

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अपनी विधानसभा सदस्यता रद होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी सदस्यता रद करने के लिए ही सो मोटो कोगनिजेंस (स्वत: संज्ञान) लाया गया है। जब उनकी पार्टी ही विधिवत रूप से भाजपा में विलय कर दी गई और चुनाव आयोग ने इसकी मान्यता दे दी तो विषय ही खत्म हो गया। यहां तक कि पिछली राज्यसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी विधायक के नाते वोट भी डाला। इसके बाद भी यह सरकार सो मोटो कोगनिजेंस लाई। इसके लिए उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय से उनको फटकार मिली तो दो तीन और लोगों से उसको फाइल करवा दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सरकार को कानून से कोई मतलब नहीं है। बीते तीन वर्ष में गैर कानूनी कार्य ही किए हैं। उसमें एक गैर कानूनी कार्य सदस्यता का यह मामला भी है। धनवार या कहीं और से विस चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी तय करती है, वे अकेले नहीं है। राज्य और केंद्र की चुनाव समिति है। चुनाव समिति जो तय करती है, कार्यकर्ता उसे मानते हैं। वह भी चुनाव समिति के निर्णय पर ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने आजतक पार्टी से अपने लिए कुछ भी नहीं मांगा है। उनका सारा फैसला पार्टी ही तय करेगी।


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