Bengal Government 9 years: कुशासन का पर्याय बना ममता सरकार का कार्यकाल: भाजपा
कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया ममता सरकार ने पश्चिम बंगाल में नौ साल पूर कर लिये लेकिन जनता के नजरिये से वे बधाई के पात्र नहीं हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार की नौवीं वर्षगांठ के अवसर पर भाजपा ने करारा हमला बोला है। पार्टी ने कहा है कि ममता बनर्जी का शासन कुशासन का जीवंत उदाहरण है। दावा किया गया है कि जल्द ही बंगाल में ममता बनर्जी के शासन का अंत होगा। पार्टी महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, "ममता सरकार ने पश्चिम बंगाल में नौ साल पूर कर लिये, लेकिन जनता के नजरिये से वे बधाई के पात्र नहीं हैं।
उन्होंने राज्य की जनता के साथ कोरोना संकट और एम्फन तूफान में भी सहानुभूति नहीं बरती। अब बंगाल के लोग इस अराजक राज्य से मुक्ति चाहते हैं। उन्होंने लिखा, "पश्चिम बंगाल में तृणमूल का संपूर्ण कार्यकाल अराजकता, अत्याचार और कुशासन का जीवंत उदाहरण है।
प्रदेश को ममता के कुशासन से जल्द ही मुक्ति मिलेगी।" तृणमूल कांग्रेस की नौवीं वर्षगांठ पर भाजपा ने ‘ऑर नय ममता’ अभियान को गति देते हुए भाजपा के केंद्रीय कमेटी के सदस्य मुकुल राय ने ट्वीट किया, "ममता अपने बंगाल के लोगों के बीच ही असफल रही हैं। चक्रवाती तूफान के सात दिन बीत जाने के बावजूद कोलकाता महानगर के लोग मूलभूत सुविधाओं को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा की सांसद लॉकेट चटर्जी ने ट्वीट किया, "ममता बनर्जी की सरकार पूरी तरह से असफल रही हैं। कोरोना से संबंधित सूचनाएं छिपायी गयीं। क्या यह केवल अवेहलना है या फिर अक्षमता है ? पार्टी के अन्य नेताओं ने भी इसी तरह से सोशल साइट के जरिए ममता बनर्जी की सरकार की आलोचना की है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में आज के ही दिन ममता बनर्जी ने वाममोर्चा के 34 वर्षों के शासन का खात्मा कर बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, हर मोर्चे पर है ममता सरकार विफल
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बुधवार सुबह विशेष विमान से बांग्लादेश से कोलकाता लौटे भारतीय श्रमिकों की दमदम हवाई अड्डे पर सरकारी अधिकारियों से झड़प हो गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह 11:28 बजे 269 श्रमिकों को लेकर विशेष विमान बांग्लादेश से कोलकाता पहुंचा था। श्रमिकों का आरोप है कि उनके क्वारंटाइन की राज्य सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई बल्कि उन्हें अपने खर्चे पर कोलकाता के तीन व पांच सितारा होटलों में रहने के लिए कहा गया।श्रमिकों ने इसे लेकर जमकर हंगामा किया। उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से वे किसी तरह बांग्लादेश से कोलकाता पहुंचे हैं। उनके पास खाने-पीने के पैसे नहीं है़ तो वे पांच सितारा होटलों में रहने का बिल कैसे चुकाएंगे? गौरतलब है कि इससे पहले गत 18 मई को जब 169 श्रमिकों को लेकर बांग्लादेश से एक विमान कोलकाता पहुंचा था तो उनमें से 108 लोगों की राज्य सरकार की तरफ से पृथकवास की व्यवस्था की गई थी लेकिन इस बार सरकार की तरफ से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है । एक श्रमिक ने कहा कि होटल में सप्ताह भर रहने में कम से कम 50 से 60 हजार रुपये का खर्च आएगा। इतना पैसा हम कहां से लाएंगे। हमें अपने घर जाने दिया जाए। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकार की तरफ से उनके रहने की व्यवस्था की जा रही है।