Move to Jagran APP

बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस से बगावत कर आने वाले नेताओं के लिए भाजपा ने बनाई खास रणनीति

294 सीटों वाली बंगाल विधानसभा की जंग के लिए भाजपा को सीधी लड़ाई की बजाय कई जगहों पर त्रिकोणीय लड़ाई ज्यादा रास आएगी। यही कारण है कि भाजपा नेता प्रदेश में तीसरी शक्ति के रूप में खड़े कांग्रेस-वाम संभावित मोर्चे पर हमले की बजाय तृणमूल पर ही ज्यादा केंद्रित हैं।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 07:31 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 07:31 PM (IST)
बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस से बगावत कर आने वाले नेताओं के लिए भाजपा ने बनाई खास रणनीति
ममता बनर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी सत्ताधारी तृणमूल में बड़ा भूचाल आएगा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस में बगावत का सिलसिला शुरू हो गया है। बड़े-बड़े नेता तृणमूल छोड़कर भाजपा की ओर रुख करने लगे हैं। माना जा रहा है कि चुनाव नजदीक आते ही सत्ताधारी तृणमूल में बड़ा भूचाल आएगा। जाहिर तौर पर भाजपा के लिए यह एक अवसर है, लेकिन यह भी तय है कि टिकट बंटवारे के वक्त पार्टी हर आने वाले नए नेता पर दांव नहीं लगाएगी। 

loksabha election banner

तृणमूल से आनेवाले हर नेता पर भाजपा नहीं खेलेगी दांव

तृणमूल से आने वाले बड़े चेहरों को तो चुनावों में पार्टी उतारेगी, लेकिन इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा कि तृणमूल की दस साल की सत्ता विरोधी लहर का प्रकोप भाजपा को न भुगतना पड़े। अगले चार महीने में यूं तो पांच राज्यों में चुनाव हैं, लेकिन बंगाल की राजनीति सबसे ज्यादा गर्म है। दरअसल लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद से यह साफ हो गया कि वहां की लड़ाई तृणमूल और भाजपा के बीच ही सिमटेगी। यही कारण है कि अलग-अलग कारणों से तृणमूल छोड़ने वाले सीधे भाजपा का रुख कर रहे हैं। 

दूसरे दलों के नेताओं के लिए पार्टी ने खोला दरवाजा

294 सीटों वाली बंगाल विधानसभा की जंग के लिए भाजपा को सीधी लड़ाई की बजाय कई जगहों पर त्रिकोणीय लड़ाई ज्यादा रास आएगी। शायद यही कारण है कि भाजपा नेता प्रदेश में तीसरी शक्ति के रूप में खड़े कांग्रेस-वाम संभावित मोर्चे पर हमले की बजाय तृणमूल पर ही ज्यादा केंद्रित हैं। भाजपा प्रदेश में पिछले तीन-चार वर्षों से ही ज्यादा सक्रिय हुई है।

टिकट का फैसला केवल तात्कालिक समीकरण के आधार पर

2016 विधानसभा चुनाव में भाजपा तीन सीटों पर अटक गई थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर 2019 लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन में भाजपा लगभग सवा सौ के आंकड़ों तक पहुंच गई। जाहिर है कि कई स्थानों पर मजबूत उम्मीदवारों की जरूरत है। ऐसे में तृणमूल समेत किसी भी पार्टी से आने वाले नेताओं के लिए दरवाजा तो खोल दिया गया है, लेकिन टिकट का फैसला केवल तात्कालिक समीकरण के आधार पर ही किया जाएगा। 

सीट को जीतने के लक्ष्य से होगी उम्मीदवारों की परख

सूत्रों के अनुसार पार्टी को लगता है कि प्रदेश में सत्ता में आने का अवसर है और ऐसे में हर सीट जीतने के लक्ष्य के साथ ही लड़ी जाएगी। तृणमूल दस साल से सत्ता में है और पार्टी छोड़कर भागने वालों में ऐसे नेताओं की भी बड़ी संख्या हो सकती है जिनके खिलाफ क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर हो। बताया जाता है कि फरवरी से शुरू होकर सभी विधानसभा क्षेत्रों में जानेवाली रथयात्रा के वक्त ही इसकी परख भी कर ली जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.