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CAA सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- CAA का विरोध देश के खिलाफ षड्यंत्र, स्मृति का कांग्रेस पर हमला

CAA Awareness मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस समय देश में सीएए को लेकर जो विरोध हो रहा है वह केवल भारतीय जनता पार्टी का विरोध नहीं है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 05:46 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 08:01 PM (IST)
CAA सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- CAA का विरोध देश के खिलाफ षड्यंत्र, स्मृति का कांग्रेस पर हमला
CAA सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- CAA का विरोध देश के खिलाफ षड्यंत्र, स्मृति का कांग्रेस पर हमला

वाराणसी, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) 2019 को राज्यसभा के साथ ही लोकसभा में पास कराने के बाद नोटिफिकेशन कराने वाली भाजपा अब जनता के बीच है। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भाजपा ने अपने अभियान की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से की। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी व डॉ.महेंद्र नाथ पाण्डेय, यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा प्रदेश सरकार में मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान पर रैली को संबोधित किया।

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नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस समय सीएए को लेकर जो विरोध हो रहा है, वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ नहीं बल्कि देश के खिलाफ एक षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि यह कानून लोगों को नागरिकता देने वाला है, किसी की नागरिकता लेने वाला नहीं। फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से घबराए विपक्षी दल लोगों को भड़का रहे हैं। भारत विरोधी नारा लगाने वालों का साथ दे रहे कांग्रेस, सपा समेत सभी विपक्षी दलों का चरित्र भी सामने आ रहा है। इस कानून को तोड़ मरोड़कर पेश करने का प्रयास किया जा रहा है। सीएए की आड़ में अराजक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। 

सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने अराजक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इसी का नतीजा है कि लोग सरकारी संपत्ति के नुकसान के बदले जुर्माना भरने के लिए खुद चेक लेकर आ रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि देश का संविधान हमें मौलिक आधिकार देता है तो हमें मौलिक दायित्व भी समझना चाहिए। दायित्व यही है कि अगर कहीं भी देश के साथ धोखा हो रहा हो तो हमें आगे आकर लोगों को जागरूक करना होगा। सीएम योगी ने सीएए को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत विरोधी नारे लगाने वालों का विपक्ष ने साथ दिया है। साथ ही विपक्ष ने लोगों में भ्रम की स्थिति भी पैदा की है। मुख्यमंत्री ने राम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण होने जा रहा है।  

सीएए के नाम पर लोगों को बरगला रहा विपक्ष 

उन्‍होंने कहा कि 2008 में जब मुंबई पर आतंकी हमला हुआ था, तब देश के लोग चाहते थे कि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई हो, लेकिन तब की सरकार ने ऐसा नहीं किया। आज जब पाकिस्तान को जवाब दिया जा रहा है तो मोदी सरकार के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है। सीएम योगी ने केंद्र सरकार की योजनाओं को गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री विभिन्न योजनाओं के जरिये किसानों, नौजवानों के हित में काम कर रहे हैं। उनके कार्यों से घबराकर विपक्ष सीएए के नाम पर लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहा है।

परिवारहित में कांग्रेस ने स्वीकारा देश का बंटवारा: स्मृति ईरानी

नागरिकता संशोधन कानून रैली को बतौर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी ने भी संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर जबरदस्त हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का बंटवारा राष्ट्रहित में नहीं परिवार हित में स्वीकार किया था। उन्हें परिवार के एक सदस्य को नेता प्रधानमंत्री बनाना था।

स्मृति ईरानी ने अपनी बात की शुरुआत कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार से की। उन्होंने कहा कि 1990 में पाकिस्तान के इशारे पर काला इतिहास हमारे देश का अंग बन गया। स्मृति ईरानी ने कहा कि जब अंग्रेज देश का विभाजन कर रहे थे तब एक ही बिन्दु लेकर चले। उन्होंने हिन्दुस्तान को खत्म करने के लिए विभाजन धर्म के आधार पर किया। गोरों की इस सीख को कांग्रेस पार्टी ने अपना संस्कार मान लिया। आज जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं उन्हें 72 साल बाद भी इस बात का जवाब नहीं सूझता कि जब धर्म के आधार पर देश का बंटवारा हो रहा था तो कांग्रेस ने क्यों स्वीकार किया। क्या कोई अपनी मां का बंटवारा स्वीकार कर सकता है। स्मृति ने कहा कि जब बंटवारा हुआ तो गांधी जी चाहते थे कि जो हिन्दू परिवार पाकिस्तान में छूट रहे हैं उनका संरक्षण हो। बापू के इस कथन को नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने न सिर्फ स्वीकार किया बल्कि साकार भी किया।

स्मृति ईरानी ने कहा 1950 में नेहरू-लियाकत पैठ हुआ था। तय हुआ कि पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों का वहां की सरकार संरक्षण करेगी। इस पैठ के चलते हिन्दुस्तान ने भी इस जिम्मेदारी को स्वीकार किया कि अल्पसंख्यक यहां सुरक्षित रहेंगे। तब भारत में 9 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे और 2012 में यह संख्या 14 प्रतिशत के पार चली गई। हिन्दुस्तान की जनता ने जो वचन दिया उस पर खरा उतरी। जबकि पाकिस्तान में 1947 में अल्पसंख्यक 23 प्रतिशत थे और घटते घटते तीन प्रतिशत रह गए। इसके बावजूद कांग्रेस के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। पाकिस्तान में कितनी ही बेटियों को उठाया गया, बलात्कार किया गया। जबरिया शादी की गई और धर्म परिवर्तन कराया गया लेकिन कांग्रेस कुछ नहीं बोली।

स्मृति ईरानी ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता जानते हैं कि कांग्रेस में हिन्दू और सिख विरोधी आत्माएं लगी हुईं है लेकिन यह नहीं जानते थे कि कांग्रेस ईसाइयों के भी विरोध में खड़ी होगी। पाकिस्तान में ईसाइयों के धार्मिक स्थलों पर विस्फोट किया गया तब सोनिया गांधी नहीं रोईं। जब बाटला हाउस में आतंकवादी को मारा गया तब रोईं। इनके साथ ही अन्य सभी नेता विपक्ष पर जमकर बरसे और सभी को वोटों का बड़ा सौदागर भी बताया। 


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