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बिहार में 18% दलित वोटों पर टिकी भाजपा की नजर, ये है पार्टी का फ्यूचर प्लान

बिहार में भाजपा की नजर दलित वोट पर है जो 18 प्रतिशत है। इसके लिए पार्टी ने उन्‍हें लुभाने के लिए विशेष योजना बनायी है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 31 Jan 2018 09:04 AM (IST)Updated: Wed, 31 Jan 2018 05:05 PM (IST)
बिहार में 18% दलित वोटों पर टिकी भाजपा की नजर, ये है पार्टी का फ्यूचर प्लान
बिहार में 18% दलित वोटों पर टिकी भाजपा की नजर, ये है पार्टी का फ्यूचर प्लान

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार भाजपा की नजर राज्य के 18 फीसद दलित वोट बैंक पर टिकी है। यही वजह है कि पार्टी के आला नेताओं ने पिछले दिनों दलित बस्तियों में जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनी। उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने को प्रेरित किया। बुधवार को पार्टी की ओर से रवींद्र भवन में संत रविदास जयंती का आयोजन इसी की एक कड़ी है।
मिशन-2019 की तैयारी में जुटी भाजपा सामाजिक समीकरण दुरुस्त करने में कोई कोर-कसर नहीं छोडऩा चाहती है। जयंती समारोह की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत पटना आ रहे हैं।

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गहलोत केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल दलित चेहरों में प्रमुख हैं। महत्वपूर्ण यह रहेगा कि बिहार भाजपा महादलित प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित जयंती समारोह को उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के अलाव भाजपा के कई मंत्री और वरिष्ठ नेता संबोधित करेंगे।

बिहार की सामाजिक संरचना ऐसी है कि अलग-अलग हिस्सों से अलग चेहरे ही अभी के दौर में प्रभावी साबित हो रहे हैं। प्रादेशिक स्वीकार्यता भले ही न हो लेकिन दलित चेहरों में कई ऐसे हैं, जिनमें सम्भावना दिखती है और सभी के सभी नेता मौजूदा समय में राजग के साथ हैं।

मगध में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, सीमांचल में कृष्ण कुमार ऋषि और रमेश ऋषिदेव, मिथिलांचल में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान, राज्य सरकार में मंत्री महेश्वर हजारी, शाहाबाद से छेदी पासवान और राज्य सरकार में परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, मुनिलाल राम तथा निरंजन राम का नाम इसमें शुमार है। 

उप चुनाव से बढ़ी अहमियत

बिहार में शीघ्र ही लोकसभा की एक और विधानसभा की दो रिक्त सीटों पर उप चुनाव होने वाला है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार चुनाव में तीनों सीट पर दलितों का मत निर्णायक है। बिहार में रविदास समाज के बड़े नेता में शुमार और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवेश राम दावा करते हैं कि दलितों की आबादी 18 फीसद है। 22 दलित उप-जातियों को महादलित के रूप में पहचाना गया है।

महादलित वर्ग में मुसहर, भुइयां, डोम, धोबी और नट को शामिल किया गया है। राजग सरकार में महादलित आयोग का गठन किया गया था और उनके लिए विशेष कल्याण कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। ऐसे में भाजपा ने जयंती के बहाने राजग सरकार के दौरान दलितों को दी गई तमाम सुविधाओं को गिनाने और रिझाने का भी खाका तैयार किया है।


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