जेपी नड्डा का ममता पर आरोप, बोले- देश हित की बजाय सियासत को दी तरजीह
भाजपा अभिनंदन यात्रा आज भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हमारी रैली में लोगों की भीड़ से पता चलता है कि लोग नागरिकता संशोधन कानून पर सरकार के फैसले के साथ हैं।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में कोलकाता में सोमवार को भाजपा ने रैली निकाल कर अपनी ताकत दिखाई और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कठघरे में खड़ा किया। रैली की अगुवाई कर रहे भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ममता पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा देश हित की बजाय वोट बैंक की सियासत को तरजीह दिया है।
रैली के बाद सभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा 'संशोधित कानून नागरिकता प्रदान करने को है, न कि छिनने को। लेकिन कुछ लोग हैं, जो अपनी सियासी रोटी सेंकने को दुष्प्रचार कर रहे हैं।' नड्डा ने इस रैली और सभा के जरिये 2021 में होने वाले चुनाव को भी साधा और तृणमूल समेत अन्य विपक्षी दलों पर भी लोगों को गुमराह कर वोट बैंक की सियासत करने का आरोप लगाया। नड्डा ने कहा 'हमारे देश में मुसलमानों के साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ, बल्कि वे यहां फले-फूले हैं, लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान में ¨हदू यातनाएं झेलने को मजबूर हैं।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उन तीन देशों में शामिल है, जहां के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी।
मोदी ने गांधी और नेहरू की इच्छा पूरी की
नड्डा ने कहा कि सीएए के जरिए मोदी सरकार ने वही किया जो एक समय में महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू की इच्छा थी। महात्मा गांधी ने 26 सितंबर 1947 को कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले ¨हदू, सिख अगर वहां रहना नहीं चाहते तो वे हर नजरिये से भारत आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में उनको नौकरी देना और उनके जीवन को सामान्य बनाना भारत सरकार का कर्तव्य है। मोदी सरकार ने यही किया। नड्डा ने कहा कि नेहरू ने भी केंद्रीय राहत कोष का उपयोग विशेष रूप से पाकिस्तान से आये शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए किये जाने पर जोर दिया था। उन्होंने दावा किया कि सीएए से पाकिस्तान से आए शरणार्थी मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे। नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान की भी याद दिलाई जिसमें उन्होंने भी नागरिकता कानून की वकालत की थी।
मतुआ समाज को जोड़ने की पहल
नड्डा ने कहा कि ममता बनर्जी कभी मतुआ समाज की प्रमुख वीणा पाणि देवी (बड़ो मां) से आशीर्वाद लेने गई थीं और आज जब नागरिकता संशोधन कानून से इस समाज के लोगों को मुख्यधारा में आने का मौका मिल रहा है तो वह विरोध पर उतर आई हैं। नड्डा ने सवाल उठाया कि ममता का यह दोहरा मापदंड कैसे चलेगा। भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष ने इस नाजुक मर्म को छेड़कर मतुआ समाज को भी जोड़ने की पहल की।