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Bihar Assembly Election 2020: कोरोना संक्रमण और सत्ता की लड़ाई के बीच में फंस गई है राजनीति

Bihar Assembly Election 2020 बिहार में एक तरफ कोरोना का संकट गहराता जा रहा है तो दूसरी तरफ विधानसभा का चुनाव भी समाने है। ऐसे में नेता बेचारे करें तो क्‍या करें।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 09:47 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 11:42 PM (IST)
Bihar Assembly Election 2020: कोरोना संक्रमण और सत्ता की लड़ाई के बीच में फंस गई है राजनीति
Bihar Assembly Election 2020: कोरोना संक्रमण और सत्ता की लड़ाई के बीच में फंस गई है राजनीति

पटना, अरुण अशेष। Bihar Assembly Election 2020: राजनेताओं के सामने शायद ऐसी दुविधा कभी नहीं रही होगी। एक तरफ कोरोना (CoronaVirus) का डर है तो दूसरी तरफ सत्ता की लड़ाई है। पिछड़ गए तो पांच साल तक बिना सैनिटाइजर के हाथ मलते रहने के अलावा कोई काम नहीं बचेगा। लिहाजा, सत्ता की लड़ाई में शामिल राजनेता कोरोना से डर रहे हैं। चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। एक तरह से वे एक साथ दो मोर्चे पर जीत हासिल करने के लिए जंग लड़ रहे हैं।

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समय पर चुनाव को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिख रहे नेता

आपसी बातचीत में राजनेता निर्धारित समय पर विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर बहुत उत्साहित नहीं, मगर उन्हें पक्के तौर पर इत्मीनान भी नहीं है कि चुनाव टल ही जाएगा। यह मनोदशा उन्हें चुनाव की तैयारी में जी जान से जुट जाने के लिए प्रेरित करती है।

जनता से नजदीकी बढ़ाने को तकनीक का सहारा ले रहे दल

बगैर सामने गए जनता से नजदीकी बढ़ाने के लिए सभी दल तकनीक का सहारा ले रहे हैं। केवल वामपंथी पार्टियां (Left Parties) तकनीक का सहारा नहीं ले रहीं। इस मोर्चे पर राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के दो बड़े घटक दल जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) आपस में ही होड़ करते नजर आ रहे हैं।

बिहार चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा पीएम मोदी का संबोधन

कोरोना से निबटने की केंद्र सरकार की तैयारियों पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। बेशक उसमें नौ राज्यों की बीजेपी इकाइयां शामिल थीं, लेकिन बिहार के संदर्भ में उसे चुनाव से ही जोड़ कर देखा गया है। प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश में छठ पूजा (Chhath Puja) की चर्चा और बीच-बीच में बिहारी बोली-भाषा के इस्तेमाल को भी चुनावी रणनीति का ही हिस्सा माना गया। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) आदि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से कार्यकर्ताओं को संबोधित कर चुके हैं।

नीतीश ने की वर्चुअल रैली, आरसीपी सिंह ने भी खोला मोर्चा

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने राज्य से लेकर पंचायत स्तर तक के प्रतिनिधियों की वर्चुअल रैली की। अब संगठन के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा में जेडीयू नेता आरसीपी सिंह (RCP Singh) मोर्चा खोल कर बैठ गए हैं। अंत में मुख्यमंत्री शामिल होंगे। मंगलवार को आरसीपी ने प्रकोष्ठों के साथ वर्चुअल संवाद किया। वे बारी-बारी से सभी संगठनों से संवाद करेंगे। इस क्रम में आरसीपी कार्यकर्ताओं को बता रहे हैं कि वे जनता के बीच जाकर राज्य सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करें। लोगों को बताएं कि लालू-राबड़ी (Lalu-Rabri) के 15 वर्षों के शासन की तुलना में नीतीश कुमार का शासन उनके लिए कितना फायदेमंद रहा। वह नसीहत देना नहीं भूलते कि आम लोगों से संपर्क के दौरान कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करें।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा ले रहे महागठबंधन के भी दल

महागठबंधन (Mahagathbandhan) के दल राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस (Congress), राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP), हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के नेता भी छिटपुट तौर पर जन संवाद के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा ले रहे हैं। हालांकि, जेडीयू-बीजेपी की तरह इन दलों की रफ्तार तेज नहीं है।

कोरोना की चपेट में आ रहे बड़े-बड़े नेता, सतर्कता बढ़ी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लॉकडाउन (Lockdown) के बाद भी लंबे समय तक सरकारी आवास से नहीं निकले तो उनकी आलोचना होने लगी। अब ऐसी ही सावधानी दूसरे नेता बरत रहे हैं। विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. रघुवंश प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद पुतुल देवी, विधान परिषद सदस्य प्रो. गुलाम गौस, संजय कुमार सिंह, विधायक जीवेश मिश्रा और गायत्री देवी सहित कई नेताओं के संक्रमित होने के बाद इस बिरादरी के लोगों ने भी कोरोना को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है।

विधानसभा चुनाव बढ़ाने व लॉकडाउन की भी करने लगे मांग

बड़े लोगों के संक्रमित होने की इन खबरों ने जमीनी कार्यकर्ताओं को भी डरा दिया है। डरे हुए बड़े नेता भी हैं। 'हम' के अध्यक्ष जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) पूरे राज्य में लॉकडाउन की मांग कर रहे हैं। उधर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) चुनाव आयोग (Election Commission) से अपील कर रहे हैं कि वह देख ले, राज्य की हालत चुनाव के लायक है या नहीं।

अगस्‍त तक हुआ सुधार तो समय पर हो सकता है चुनाव

पिछले चुनाव की तारीखों को देखते हुए माना जा रहा है कि अगस्त तक स्थिति सुधर जाए तो समय पर चुनाव संभव है। 2015 के विधानसभा चुनाव के लिए नौ सितंबर को अधिसूचना जारी हुई। 12, 16, 28 अक्टूबर के साथ एक और पांच नवंबर को कुल पांच चरणों में मतदान हुए। आठ नवंबर को वोटों की गिनती हुई। 20 नवंबर से 16वीं विधानसभा का कार्यकाल शुरू हुआ।


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