Bihar Assembly Election 2020: भगवा ब्रांड स्टार प्रचारक CM योगी आदित्यनाथ बिहार में कई सीटों पर बदल सकते हैं तस्वीर
Bihar Assembly Election 2020 उत्तर प्रदेश के कई जिलों से सटे इस पड़ोसी राज्य से योगी आदित्यनाथ और गोरक्ष पीठ का पुराना रिश्ता तो है ही कोरोना संकट में भी उन्होंने नीति और नीयत से कर्मयोगी के रूप में बिहार के लाखों लोगों के दिल पर अपनी छाप छोड़ी है।
लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर होने जा चुनाव में कई सीटों पर तस्वीर बदल सकते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ भी बिहार के विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक हैं। यूं तो भगवा ब्रांड के रूप में वह देश भर में अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करते रहे हैं, लेकिन बिहार में तो उनकी जबरदस्त मांग की तमाम वजह सामने आ रही है।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों से सटे इस पड़ोसी राज्य से योगी आदित्यनाथ और गोरक्ष पीठ का पुराना रिश्ता तो है ही, कोरोना संकट में भी उन्होंने नीति और नीयत से 'कर्मयोगी' के रूप में बिहार के लाखों लोगों के दिल पर अपनी छाप छोड़ी है। बिहार चुनाव में योगी आदित्यनाथ की बढ़ती मांग पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी जनसभाओं का कार्यक्रम बनाना शुरू कर दिया है।
बिहार में छह दिन में 18 जनसभाएं
सीएम योगी आदित्यनाथ के बिहार में 20 और 21 अक्टूबर के दो दिवसीय दौरे में कुल छह सभाएं तय हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार का कहना है कि योगी आदित्यनाथ की बिहार में छह दिन में 18 जनसभाएं हो सकती हैं। बिहार चुनाव में योगी आदित्यनाथ के प्रभाव को लेकर यहां पार्टी पदाधिकारी पूरी तरह आशान्वित हैं। देवरिया से लेकर कुशीनगर तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिले बिहार की सीमा से सटे हैं। सिवान, छपरा, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण जैसे जिले गोरखपुर से कई तरह से जुड़े हैं। वहां के लाखों छात्र गोरखपुर में आकर पढ़ाई करते हैं। इलाज और कारोबार के लिए भी गोरखपुर को केंद्र बना रखा है। इसके अलावा गोरक्ष पीठ से आध्यात्मिक जुड़ाव भी रहा है।
इसके अलावा पार्टी नेता मानते हैं कि कोरोना काल में दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर फंसे करीब 30 लाख प्रवासी श्रमिक-कामगारों को योगी ने ही सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया। उनमें बड़ी संख्या में बिहार के भी लोग थे। उन सभी के लिए बेहतर व्यवस्था यूपी सरकार ने की थी। वह सभी योगी का सुशासन देख उनकी एक कर्मयोगी छवि अपने दिल में बसाकर गए हैं। योगी आदित्यनाथ अपनी प्रखर हिंदुत्ववादी छवि की वजह से भी पसंद किए जाते हैं।