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हरियाणा के लोगों को बड़ा चुनावी ताेहफा; गरीबों, किसानों और महिलाओं का स्टांप शुल्क माफ

मनोहरलाल सरकार ने हरियाणा के लोगों को बड़ा चुनावी तोहफा दिया है। राज्‍य कैबिनेट ने सीमांत व छोटे किसानों बीपीएल लोगों व महिलाओं का स्‍टांप शुल्‍क माफ करने का फैसला किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 06:53 PM (IST)Updated: Sat, 09 Mar 2019 08:52 AM (IST)
हरियाणा के लोगों को बड़ा चुनावी ताेहफा; गरीबों, किसानों और महिलाओं का स्टांप शुल्क माफ
हरियाणा के लोगों को बड़ा चुनावी ताेहफा; गरीबों, किसानों और महिलाओं का स्टांप शुल्क माफ

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की मनोहरलाल सरकार ने हरियाणा के लोगों को बड़ा चुनावी तोहफा दिया है। कैबिनेट की शुक्रवार को छोटे और सीमांत किसानों, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (ईडब्ल्यूएस), गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों (बीपीएल) और महिलाओं को बड़ी राहत देने का फैसला किया। अब उन्हें जमीन पर बैंक से एक लाख 60 हजार रुपये तक का लोन लेने पर स्टांप शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यह स्‍टांप शुल्‍क करीब दो हजार रुपये होता है।

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एक लाख 60 हजार रुपये तक के बैंक लोन पर नहीं देना पड़ेगा दो हजार रुपये स्टांप शुल्क

चंडीगढ़ में शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव पास कर दिया गया। पिछले साल सितंबर में विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश सरकार ने भारतीय स्टांप अधिनियम के तहत जमीनी करार के मामलों में स्टांप शुल्क को 2.25 रुपये से बढ़ाकर दो हजार रुपये कर दिया था। इससे बड़ी संख्या में छोटे किसान और गरीब परिवार प्रभावित हो रहे थे।

पिछले साल सितंबर में स्टांप शुल्क को 2.25 रुपये से बढ़ाकर किया गया था दो हजार रुपये

भाजपा विधायक लगातार यह मामला सरकार के सामने उठाते आ रहे थे जिस पर आखिर चार श्रेणियों के लोगों को स्टांप शुल्क से मुक्ति देने का निर्णय ले लिया गया। कैबिनेट फैसले के मुताबिक 1.60 लाख रुपये तक का ऋण लेने वाले छोटे किसानों, हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजनाओं के तहत महिला लाभार्थियों, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लाभार्थियों तथा हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा प्रायोजित बीपीएल परिवारों को दो हजार की स्टांप ड्यूटी से छूट दी जाएगी। 

कालोनियों में भवनों के व्यावसायिक इस्तेमाल को मंजूरी

आवास बोर्ड द्वारा विकसित कालोनियों में अवैध रूप से वाणिज्यिक इस्तेमाल में लाई जा रहे भवनों को अब मंजूरी मिलेगी। कैबिनेट के फैसले से शहरों में 20 हजार अवैध कामर्शियल भवनों के नियमित होने का रास्ता खुल गया है। अकेले गुरुग्र्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, पंचकूला और पानीपत में करीब दस हजार लोगों ने बिना नक्शा पास कराए अवैध ढंग से व्यावसायिक (कामर्शियल) भवनों का निर्माण कर रखा है। हालांकि उन्हीं भवनों को व्यावसायिक इस्तेमाल की मंजूरी  मिलेगी, जिनका निर्माण लेआउट प्लान के अनुसार किया गया है।

भवन और पार्किंग की ग्राउंड कवरेज, फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) की ऊंचाई की अनुमति हरियाणा बिल्डिंग कोड के अनुसार होगी। गैर कंपाउंडेबल निर्माण को गिरा दिया जाएगा। सरकार ने राज्य को पांच भागों में बांटते हुए भवन नियमितीकरण की दरें निर्धारित की हैैं। नई पालिसी से राजस्व की बढ़ोतरी होने के साथ ही लोगों को इंस्पेक्टरों के भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी।

नौ एजेंडे पास, सात पर फैसला होली के बाद

कैबिनेट की बैठक में कुल 16 एजेंडे रखे गए। इनमें से नौ पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। इसके अलावा चार टेबल एजेंडे में से दो को मंजूर किया गया है। मुख्यमंत्री की व्यस्तताओं के चलते बाकी एजेंडों पर चर्चा का फैसला अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया। होली के बाद कैबिनेट बैठक होगी जिसमें कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई जाएगी। 


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