भीमा कोरेगांव आयोग ने शरद पवार को भेजा समन, 4 अप्रैल को पेश होने का दिया आदेश
Bhima Koregaon Commission भीमा कोरेगांव आयोग ने राकांपा प्रमुख शरद पवार को 4 अप्रैल को आयोग के सामने पेश होने का आदेश दिया है।
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में भीमा कोरेगांव आयोग (Bhima Koregaon Commission) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) को 4 अप्रैल को आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा है। आयोग उन कारणों की पूछताछ कर रहा है जिसके कारण महाराष्ट्र में 2018 में भीमा कोरेगांव हिंसा हुई थी।
गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले ही भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने के बाद शिवसेना और एनसीपी के बीच खींचतान बढ़ गयी थी। जिसे लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उद्धव ठाकरे के निर्णय पर नाखुशी जतायी थी और पार्टी के सभी 16 मंत्रियों की बैठक भी बुलाई थी। ज्ञात हो कि एल्गार परिषद की जांच का कार्य भी एनआइए को ही सौंपा गया है।
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कोल्हापुर में एक रैली के दौरान मोदी सरकार पर जांच अपने हाथ में लेने का आरोप लगाया था, पहले ये जांच का कार्य राज्य सरकार के पास था। शरद पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार भीमा कोरे गांव मामले पर कुछ निर्णय लेने वाली थी, इसलिए केंद्र सरकार ने एल्गार परिषद के मामले को अपने हाथ में लिया। जबकि कानून व्यवस्था राज्य सरकार के हाथ होनी चाहिये। लेकिन हैरान करने वाली बात है कि राज्य सरकार ने केंद्र के इस फैसले का विरोध नहीं किया।
बीते दिनों एनसीपी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को लेकर भी शिवसेना और एनसीपी के बीच खींचतान बढ़ गयी थी। दरअसल महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने 1 मई से राज्य में एनपीआर की प्रक्रिया शुरु करने की बात कही थी। केंद्र ने ही इसके लिए 1 मई की तारीख दी थी। हालांकि इसपर कांग्रेस और एनसीपी का कहना था कि हम एनपीआर का विरोध कर रहे हैं।
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