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Rajya Sabha Election 2020: गुजरात में बीटीपी के बदलते रुख से भाजपा को राहत

Rajya Sabha Election 2020 बीटीपी राज्यसभा चुनाव में भाजपा के साथ जाने का फैसला करती है तो राजस्थान में कांग्रेस की गणित गड़बड़ा सकती है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 05:24 PM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 12:41 PM (IST)
Rajya Sabha Election 2020: गुजरात में बीटीपी के बदलते रुख से भाजपा को राहत
Rajya Sabha Election 2020: गुजरात में बीटीपी के बदलते रुख से भाजपा को राहत

अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। Rajya Sabha Election 2020: गुजरात के राज्यसभा चुनाव में खींचतान के बीच भाजपा के लिए एक राहत की खबर यह है कि भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) ने चुनाव में समर्थन करने के संकेत दिए हैं। पार्टी के विधायक महेश वसावा ने उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात के बाद कहा कि 24 मार्च को कार्यकारणी की बैठक में समर्थन पर अंतिम फैसला होगा।

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भारतीय ट्रायबल पार्टी के गुजरात में दो विधायक छोटू वसावा व उनके पुत्र महेश वसावा हैं, जबकि राजस्थान में भी पार्टी के तीन विधायक हैं। बीटीपी राज्यसभा चुनाव में भाजपा के साथ जाने का फैसला करती है तो राजस्थान में कांग्रेस की गणित गड़बड़ा सकती है। भाजपा ने दोनों ही राज्यों में अपना एक अतिरिक्त उम्मीदवार मैदान में उतार रखा है। पार्टी आलाकमान इन उम्मीदवारों की जीत के लिए पर्याप्त मत जुटाने में लगा हुआ है। गुजरात में कांग्रेस के पांच विधायक इस्तीफा दे चुके हैं तथा बाकी विधायकों को बचाने के लिए कांग्रेस जयपुर के एक रिजॉर्ट में कड़ी सुरक्षा में बाड़े बंधी की हुई है।

गुजरात विधानसभा में गुरुवार को बीटीपी विधायक महेश वसावा पहुंचे। आम तौर पर वसावा पिता-पुत्र विधानसभा की कार्रवाई में शामिल नहीं होते हैं, लेकिन राज्यसभा चुनाव से पहले उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से महेश वसावा की मुलाकात ने सत्ता के गलियारों में नई चर्चा को जन्म दे दिया है। इसके पहले छोटू वसावा ने इस चुनाव में भाजपा को अपना विरोधी बताते हुए कांग्रेस के साथ जाने के खुले संकेत दिए थे। बीटीपी के बदलते रुख से भाजपा की छावनी ने राहत की सांस ली है।

अभी तक कांग्रेस बीटीपी विधायकों को अपने साथ मानकर चल रही थी, लेकिन वसावा के ताजा रुख से कांग्रेस का राज्यसभा चुनाव का गणित गड़बड़ा सकता है। गुजरात ही नहीं राजस्थान में भी बीटीपी कांग्रेस को झटका दे सकती है। पिछले लोकसभा चुनाव में बीटीपी ने कांग्रेस से भरुच लोकसभा सीट मांगी थी, लेकिन अंत समय पर कांग्रेस ने वहां अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया था। बीटीपी का बदलता रुख इसकी का परिणाम है।

गौरतलब है कि अगस्त 2017 में हुए रसाकसी भरे राज्यसभा चुनाव में बीटीपी कांग्रेस के साथ रही, जिससे वरिष्ठ नेता अहमद पटेल चुनाव जीत चुके थे। 

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