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सरकार बनने से पहले सोनिया गांधी ने उद्धव ठाकरे से लिखित में मांगा था आश्‍वासन, जानें क्‍या कहा

उद्धव ठाकरे ने पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 08:28 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 08:31 PM (IST)
सरकार बनने से पहले सोनिया गांधी ने उद्धव ठाकरे से लिखित में मांगा था आश्‍वासन, जानें क्‍या कहा
सरकार बनने से पहले सोनिया गांधी ने उद्धव ठाकरे से लिखित में मांगा था आश्‍वासन, जानें क्‍या कहा

 औरंगाबाद, प्रेट्र। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से लिखित वचन मांगा था कि महाराष्ट्र में नई सरकार संविधान के दायरे में रहकर काम करेगी। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और उद्धव सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने नांदेड़ में एक बैठक में कहा, 'सोनिया ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिया था कि राज्य सरकार को संविधान के दायरे में काम करना चाहिए। उन्होंने हमें बताया कि पहले हमें शिवसेना से लिखित में लेना चाहिए कि सरकार संविधान का उल्लंघन नहीं करेगी। हमें उद्धव ठाकरे को यह बताने के लिए कहा गया था।'

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उल्लेखनीय है कि उद्धव ठाकरे ने पिछले साल नवंबर में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई है। 21 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव के परिणाम में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था।

फडणवीस ने सरकार बनने से पहले किए गए सौदों के बारे में बताने को कहा

चव्हाण ने कहा कि सोनिया ने राज्य कांग्रेस को भी बताया था यदि सरकार उम्मीदों के मुताबिक कार्य नहीं करती है, तो पार्टी को इससे बाहर आ जाना चाहिए। हमने उद्धव को भी यही संदेश दिया। वह सहमत हो गए और हमने सरकार बनाई। चव्हाण की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना को महा विकास अघाड़ी सरकार बनने से पहले किए गए सौदों के बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यदि गठबंधन दलों को (शिवसेना में) विश्वास नहीं है, तो पार्टी सरकार में क्यों है?

मुस्लिम भाइयों की अपील पर महाराष्‍ट्र में बनाई सरकार 

कुछ दिनों पहले पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस मुस्लिम भाइयों की अपील पर भाजपा को हटाने के लिए शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार में शामिल हुई। इस बयान पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि कांग्रेस को इंडियन नेशनल कांग्रेस नहीं बल्कि मुस्लिम लीग कांग्रेस कहना चाहिए। वे केवल मुसलमानों के बारे में बात करते हैं और उनका ध्रुवीकरण करने की कोशिश करते हैं। 


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