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Basic Education: 69000 शिक्षकों की भर्ती रोकने की खातिर हो रही राजनीति : सतीश चंद्र द्विवेदी

Basic Teachers Recruitment in UP बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी मंगलवार को प्रेस वार्ता में 69000 शिक्षकों की भर्ती के घपला के मामले में कहा कि यह विपक्ष की साजिश है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 04:54 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 05:01 PM (IST)
Basic Education: 69000 शिक्षकों की भर्ती रोकने की खातिर हो रही राजनीति : सतीश चंद्र द्विवेदी
Basic Education: 69000 शिक्षकों की भर्ती रोकने की खातिर हो रही राजनीति : सतीश चंद्र द्विवेदी

लखनऊ, जेएनएन।Basic Teachers Recruitment in UP: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग इन दिनों बेहद चर्चा में बना है। प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती के साथ ही 25 जिलों में अनामिका शुक्ला के नाम पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नौकरी करने का मामला सामने है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी मंगलवार को प्रेस वार्ता में 69000 शिक्षकों की भर्ती के घपला के मामले में कहा कि यह विपक्ष की साजिश है। उनकी मंशा है कि प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती को रोकने की है, लेकिन हम इसको किसी भी तरह से सफल नहीं होने देंगे। 

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बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने आज प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कुछ लोग अनावश्यक राजनीति करते हुए 69000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने के लिए प्रश्न उठाये रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जिनका खानदानी पेशा ही भ्रष्टाचार और घोटाले का रहा है। उन्हेंं इतनी सही भर्ती क्यों पचेगी। यह तो भर्ती को डीरेल करने की साजिश रची जा रही है। मंत्री ने कहा कि फिलहाल 69000 शिक्षक भर्ती प्रकिया हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्थगित है। 69 हजार शिक्षक भर्ती को रोकने के लिए राजनीति की जा रही है।

धांधली की जांच यूपी एसटीएफ को

उन्होंने कहा कि मई में शिक्षक भर्ती में लेन-देन की शिकायत की गई थी। शिकायत पर केएल पटेल समेत 11 को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी की गिरफ्तारी के बाद प्रयागराज के एक परीक्षा केंद्र पर धांधली का खुलासा हुआ था। परीक्षा में धांधली के बाद 69 हजार शिक्षक भर्ती की एसटीएफ को जांच सौंपी गई। सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि सहायक शिक्षक भर्ती में एक स्कूल और गिरोह का नाम आया था। मई 2020 में राहुल नामक अभ्यर्थी की शिकायत आई कि फरवरी 2020 में भर्ती के लिये उससे पैसे की मांग की गई, जबकि परीक्षा पहले हो चुकी थी। इसका तो परिणाम भी तैयार हो चुका था, अदालत में मामला लंबित होने से जारी नहीं हो पाया था। इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पता चला कि एक सेंटर में गड़बड़ी थी। पूरी जांच को एसटीएफ को भेज दिए हैं। अगर गलत ढंग से कोई पास होता है तो उन अभ्यर्थियों को डिबार किया जाएगा। केंद्र प्रतिबंधित किया जाएगा।

आरक्षण प्रक्रिया

मंत्री ने कहा कि एक सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी के ओबीसी वर्ग में चयन होने पर सवाल उठा है, लेकिन अभी संबंधित अभ्यर्थी की कॉउंसिलिंग नहीं हुई थी। दस्तावेजों की जांच के लिए कॉउंसलिंग कराई जाती है। 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण प्रक्रिया पर भी कई सवाल उठे हैं। 50 प्रतिशत से ज्यादा अनारक्षित वर्ग में सभी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। हाईकोर्ट के निर्देश पर ही अभ्यर्थियों के जिले का चयन हुआ है। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत अनारक्षित सीटों पर ऊंची मेरिट वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी भी चयनित हो सकते हैं लेकिन हाई कोर्ट का फैसला है कि आरक्षित वर्ग के ऐसे अभ्यर्थियों  को उनकी कैटेगरी के हिसाब जिला आवंटित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार को 69000 शिक्षक भर्ती में 37000 सीटें रोकने के मामले में मंत्री ने कहा कि विभाग का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में नहीं सुना गया है। हम आदेश के मोडिफिकेशन के लिये कोर्ट में अपील करेंगे।

पकड़ा गया घोटाला

मंत्री ने कहा कि प्रेरणा फ्रेमवर्क के कारण कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का अनामिका शुक्ला मामला पकड़ में आया है। बागपत के बड़ौत से पोस्टिंग का पहला डाटा आया है। उसके आधार पर नौ जगहों पर एक डॉक्युमेंट से नियुक्ति हुई है। इसमें कुल छह विद्यालयों से 12,24,700 रुपए का भुगतान हुआ है। असली अनामिका शुक्ला की तलाश जारी है। कस्तूरबा बालिका विद्यालयों में कार्यरत अनामिका शुक्ला का मामला सामने आया है। इस नाम पर नियुक्त हुई शिक्षिकाओं को 12,24,700रु. का भुगतान हुआ है। पुलिस ने कासगंज में त्यागपत्र देने जा रही एक शिक्षिका को गिरफ्तार किया है। असली अनामिका अभी तक पकड़ में नहीं आई हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

मंत्री ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है। हम तो फर्जी शिक्षकों की जांच कर उनको सेवा से बाहर कर रहे हैं। अब तक 775 शिक्षकों की सेवा समाप्त हो चुकी है। इसके साथ 552 पर एफआइआर हो चुकी है। आगरा विश्वविद्यालय से जुड़े प्रदेश में फर्जी शैक्षिक अभिलेख के 1356 मामले सामने आए थे। अब तक कुल 1701 फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा चुकी है। 


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