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बांग्ला नववर्ष: राज्यपाल से मिले मंत्री फिरहाद हकीम, कोरोना के चलते उत्‍साह फीका, मंदिरों में सन्‍नाटा

राजभवन में मंगलवार को मुलाकात के दौरान एक दूसरे का अभिवादन करते राज्यपाल जगदीप धनखड़ व मंत्री फिरहाद हकीम। बांग्ला नववर्ष यानी पोइला बैशाख इस बार बेहद फीका रहा।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 06:17 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 07:35 PM (IST)
बांग्ला नववर्ष: राज्यपाल से मिले मंत्री फिरहाद हकीम, कोरोना के चलते उत्‍साह फीका, मंदिरों में सन्‍नाटा
बांग्ला नववर्ष: राज्यपाल से मिले मंत्री फिरहाद हकीम, कोरोना के चलते उत्‍साह फीका, मंदिरों में सन्‍नाटा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना महामारी व लॉकडाउन के चलते बंगालियों का सबसे खास दिन माने जाने वाला बांग्ला नववर्ष यानी पोइला बैशाख इस बार बेहद फीका रहा। बंगाल सरकार व राजभवन के बीच जारी तनातनी के बीच राज्य के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। राजभवन की ओर से एक बयान में बताया गया कि इस दौरान मंत्री फिरहाद हकीम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से राज्यपाल को बांग्ला नववर्ष की बधाई व शुभकामनाएं दी। साथ ही राज्यपाल को मिठाई भी भेंट की। इस मौके पर राज्यपाल ने भी बांग्ला नववर्ष की शुभकामनाएं दी और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया।उल्लेखनीय है कि ऐसे समय में यह मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्यपाल धनखड़ पिछले 3 दिनों से लगातार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से राजभवन के साथ लॉकडाउन खत्म करने की अपील करते आ रहे हैं। राज्यपाल ने मंगलवार को भी संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की जयंती पर ममता बनर्जी से संविधान का पालन करने की अपील की। साथ ही राज्यपाल के साथ लॉकडाउन खत्म करने का अनुरोध किया।

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कालीघाट, दक्षिणेश्वर, बेलूर मठ सहित सभी प्रमुख मंदिरों में पसरा रहा सन्नाटा 

लॉकडाउन के चलते लोगों ने घरों में ही रहकर मंगलवार को नववर्ष मनाया। इस मौके पर लोगों में उस तरह का उत्साह नहीं दिखा। घरों में ही रहकर लोगों ने फोन, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से एक-दूसरे को नववर्ष की बधाई व शुभकामनाएं दी। साथ ही कोरोना संकट से जल्द मुक्ति मिलने की ईश्वर से कामना की। वहीं, कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर, दक्षिणेश्वर, बेलूर मठ सहित राज्य के अन्य सभी प्रमुख मंदिरों में भी इस दिन सन्नाटा पसरा रहा। लाकडाउन के चलते पहले से इन सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद हैं।

बांग्ला नववर्ष के दिन हर साल बड़ी संख्या में लोग इन मंदिरों में जाकर पूजा- अर्चना कर आशीर्वाद लेते थे। सुबह से देर रात तक इस दिन मंदिरों में लोगों का तांता लगा रहता था, लेकिन इस बार सभी प्रमुख मंदिर वीरान नजर आए। दूसरी ओर, कोलकाता सहित राज्य के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी सन्नाटा पसरा रहा। लोग हर साल इन पर्यटन स्थलों पर जाकर पिकनिक आदि मना कर नववर्ष  का आनंद उठाते थे। लॉकडाउन के चलते सभी पर्यटन स्थल भी पहले से बंद है। इधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहली बार बांग्ला नववर्ष के मौके पर मंदिर नहीं गई। उन्होंने पहले ही इसकी घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने इस दिन सोशल मीडिया के माध्यम से सभी राज्य वासियों को बांग्ला नववर्ष की शुभकामनाएं दी। साथ ही कोरोना को हराने का संकल्प लिया और इसमें सफल रहने की उम्मीद जताई। उल्लेखनीय है कि हर साल 14 अप्रैल को बांग्ला नववर्ष बड़े धूमधाम से मनाया जाता रहा है। बंगालियों के लिए यह सबसे खास दिन माना जाता है।


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