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अयोध्या राम मंदिर : परखी जाएगी गर्भगृह के 50 फीट नीचे तक की मिट्टी Uttar Pradesh News

Ayodhya ShriRam Mandir विशेषज्ञों ने परिसर की सुरक्षा- निर्माण पर चर्चा के बाद तय किया कि मंदिर के गर्भगृह के 50 फीट नीचे तक की मिट्टी की जांच किया जाए।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 12:38 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 12:38 PM (IST)
अयोध्या राम मंदिर : परखी जाएगी गर्भगृह के 50 फीट नीचे तक की मिट्टी Uttar Pradesh News
अयोध्या राम मंदिर : परखी जाएगी गर्भगृह के 50 फीट नीचे तक की मिट्टी Uttar Pradesh News

अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। भगवान राम की नगरी में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्ट के सदस्यों व निर्माण क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ मंदिर निर्माण की चरणबद्ध कार्ययोजना पर गहन मंत्रणा की। उनके साथ नेशनल बिल्डिंग कॉन्स्ट्रक्शन कॉर्पोरशन के सेवानिवृत्त चेयरमैन व लार्सन एंड टुब्रो के सीनियर इंजीनयर भी मौजूद थे।

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विशेषज्ञों ने परिसर की सुरक्षा व निर्माण के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर चर्चा की। इसके बाद तय किया गया कि स्थायी मंदिर के गर्भगृह के 50 फीट नीचे तक की मिट्टी की जांच करा कर यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि यह भूमि कितना लोड सहन कर सकती है। यहां की मिट्टी के नमूने एकत्र करने और रिपोर्ट आने में लगभग 15 दिन का वक्त लगेगा रिपोर्ट आने के बाद तय किया जाएगा कि वहां पर कितने पत्थरों का इस्तेमाल किया जाए।

इसी क्रम में मंदिर के अलावा वहां होने वाले अन्य निर्माण कार्यों के बारे में भी प्राथमिकताएं सुनिश्चित करने पर चर्चा हुई। मसलन, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिहाज से परिसर में क्या क्या इन्तजाम जरूरी हैं। प्रवेश और निकास मार्ग को लेकर भी माथापच्ची के बाद यह तय किया गया कि सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रख कर ही कदम बढ़ाए जाएंगे। रामनवमी के पहले वैकल्पिक गर्भगृह में रामलला की शिफ्टिंग को लेकर मीटिंग में सर्वानुमति पाई गई। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अगली मीटिंग की तिथि दो तीन दिन में फाइनल हो जाएगी। मीटिंग के पहले सिक्योरिटी क्लीयरेंस और मृदा परीक्षण की रिपोर्ट आ जाएगी।

लौटने के बाद सोमपुरा से होगी भेंट

नृपेंद्र मिश्र रामनगरी से लौटने के बाद प्रस्तावित मंदिर के मुख्य वास्तुकार सीके सोमपुरा से भेंट करेंगे और उनसे निर्णायक बातचीत करेंगे। इसी के साथ वह तकनीकी विशेषज्ञों से मिलेंगे और मंदिर निर्माण की रूपरेखा बनाएंगे। यह समझा जाता है कि जल्द ही वे रिपोर्ट तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपेंगे। माना जा रहा था कि निर्माण के क्षेत्र में ख्यातिलब्ध लार्सन एंड टुब्रो को निर्माण का दायित्व सौंपा जाएगा।

रामनगरी के प्रमुख स्थानों पर रखे जाएंगे दानपात्र

राममंदिर निर्माण में सहभागी बनने का सपना संजोये श्रद्धालुओं के लिए यह रामनवमी बेहद खास होने जा रही है। रामनवमी मेले में शहर के दर्जनभर प्रमुख स्थानों पर दानपात्र रखे जाएंगे। यही नहीं, श्रद्धालुओं को रसीद उपलब्ध कराने का भी प्रबंध किया जाएगा। इस फैसले से उन श्रद्धालुओं को मंदिर निर्माण में सीधे भागीदार बनने का मौका मिलेगा, जो इसके लिए बेसब्र हैं। वे आसानी से इन दानपात्रों में धनराशि डाल सकेंगे, जो राम मंदिर निर्माण के खाते में जमा होगी। दानपात्रों की सुरक्षा की फुलप्रूफ व्यवस्था भी की जा रही है। ट्रस्ट का खाता भारतीय स्टेट बैंक अयोध्या की शाखा में खुलना है। इसके खुलते ही प्रत्येक वर्ग व उम्र के लोग आसानी से धनराशि जमा कर सकेंगे। इसके लिए सभी को टूल मुहैया कराने की व्यवस्था की जा रही है। शिक्षित वर्ग के लिए नेट व मोबाइल बैंकिंग आदि की सुविधा तो कम पढ़े लिखे लोगों के लिए बैंक शाखा में ही दानपात्र रखे जाएंगे।

नृपेंद्र मिश्र ने लगाई रामलला के दरबार में हाजिरी

रामजन्मभूमि पर सदियों पुरानी साध साकार करने की मुहिम शनिवार को रामलला की चौखट तक पहुंची। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व आइएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र ने शनिवार को रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। उनका काफिला सुबह अधिगृहीत परिसर में दाखिल हुआ और अगले कुछ पलों में रामलला के दर्शन के बाद वे 70 एकड़ के परिसर का जायजा लेते नजर आए। उनके साथ वहां श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के सदस्य व अयोध्या राजपरिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र, डॉ. अनिल मिश्र, कामेश्वर चौपाल, ट्रस्ट के पदेन सदस्य जिलाधिकारी अनुज कुमार झा सहित मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल और तकनीकी विशेषज्ञ भी थे। दो घंटे 55 मिनट के बाद परिसर से निकलने के पहले ही उन्होंने मानसभवन में सहयोगियों के साथ संक्षिप्त बैठक भी की। अधिगृहीत परिसर से निकलकर उनका काफिला करीब डेढ़ किलोमीटर के फासले पर रामघाट, रामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला पहुंचा। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मिश्र को एक-एक शिला से परिचित कराया। करीब 20 मिनट तक कार्यशाला में भ्रमण के दौरान राय ने मिश्र का ध्यान प्रस्तावित मंदिर के लिए गढ़े गए स्तंभ, छत की बीम, छत की आंतरिक सतह, स्तंभों की नक्काशी आदि की ओर आकृष्ट कराया। उन्होंने मिश्र को बताया कि होली के बाद शिलाओं की सफाई का काम शुरू कराया जाएगा।

मंदिर के आकार में ही सज्जित की जाएंगी शिलाएं

मिश्र के काफिले के साथ चंपत राय उन पूजित शिलाओं के सामने आ पहुंचे। राय ने कहा, इन्हें मंदिर के ही आकार में रामजन्मभूमि परिसर में सज्जित करेंगे। इनको पारदर्शी शीशे से संरक्षित किया जाएगा। देश के तीन लाख गांवों से पूजित करा यह शिलाएं 1889 में अयोध्या लाई गई थीं। हालांकि तय मॉडल के हिसाब से इनका प्रयोग मंदिर निर्माण में किया जाना संभव नहीं है।

अभी होमवर्क जारी

महासचिव, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट चंपत राय ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए अभी होमवर्क किया जा रहा है। मंदिर निर्माण शुरू करने से पूर्व क्या-क्या करना होगा, शनिवार को इसका मौखिक आकलन किया गया।2024 तक तैयार हो जाएगा भव्य मंदिर

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि अयोध्या में 2024 तक श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अनुसार विक्रम संवत से नए साल की शुरुआत होगी। इसी शुभ अवसर पर श्रीरामनवमी पर्व से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। 


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