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यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड 24 की बैठक में लेगा मस्जिद के लिए मिली जमीन पर फैसला

UP Sunni Central Waqf Board सुन्नी वक्फ बोर्ड चेयरमैन जुफर फारुकी ने मस्जिद के लिए जमीन लेने के फैसले को लेकर 24 फरवरी को एक बुलाई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 01:48 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 01:51 PM (IST)
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड 24 की बैठक में लेगा मस्जिद के लिए मिली जमीन पर फैसला
यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड 24 की बैठक में लेगा मस्जिद के लिए मिली जमीन पर फैसला

लखनऊ, जेएनएन। UP Sunni Central Waqf Board अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के मस्जिद के लिए पांच एकड़ भी दी है। इन दोनों फैसलों के बाद अब लोगों की निगाह उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर टिकी हैं। मस्जिद के लिए जमीन मिलने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या के रौनाही में जमीन के बारे में जल्दी ही फैसला लेगा।

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सुन्नी वक्फ बोर्ड चेयरमैन जुफर फारुकी ने मस्जिद के लिए जमीन लेने के फैसले को लेकर 24 फरवरी को एक बुलाई है। लखनऊ में होने वाली इस बैठक में जमीन को लेकर बोर्ड के सदस्य फैसला करेंगे। बोर्ड की होने वाली बैठक में फैसला होगा कि उसे जमीन लेनी है या नहीं। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी ने कहा कि पहले पूर्ण रूप से जमीन हमे मिले तो उसके बाद हम आगे की रूपरेखा तय करेंगे। इस बैठक में हम तय करेंगे कि मिली जमीन पर क्या निर्माण किया जाएगा मस्जिद, हॉस्पिटल, या फिर स्कूल। 

योगी आदित्यनाथ सरकार के मस्जिद के लिए जमीन देने की घोषणा के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड क्यूरेटिव पेटीशन दाखिल करने का मन बना रहा है। इस बैठक में सरकार की ओर से मस्जिद के लिए मिली पांच एकड़ जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड सदस्यों से चर्चा के बाद निर्णय लेगा कि इस जमीन को कैसे प्रयोग में लाना है, इसके लिए बोर्ड ने 24 फरवरी को सुन्नी वक्फ बोर्ड के दफ्तर में सभी 8 सदस्यों की बैठक बुलाई है।

सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में तय होगा कि सरकार की ओर से मिली जमीन को लेना है या नहीं और अगर लेना है तो इस पर क्या बनाना है। इसको कैसे प्रयोग में लाना है। सरकार से मिली जमीन पर मस्जिद के साथ किन संस्थानों का निर्माण किया जाए, इस पर भी बैठक में चर्चा होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत प्रदेश सरकार ने अयोध्या के रौनाही में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन दी है।

सुन्नी वक्फ बोर्ड में अध्यक्ष फारूकी समेत कुल 8 सदस्य हैं। जिनमें दो सदस्य इमरान खान और अब्दुल रज्जाक खान बार काउंसिल से हैं। एक सदस्य मोहम्मद जुनैद सिद्दीकी सरकार की ओर से मनोनीत हैं। इसमें विधायक अबरार अहमद के अलावा अदनान फारुख शाह, जुनैद सिद्दीकी और सैयद अहमद अली हैं। माना जा रहा है कि बोर्ड के दो सदस्य इमरान खान और अब्दुल रज्जाक खान इस जमीन को लेने का विरोध कर सकते हैं। इसके बाद भी तय है कि पिछली बार की तरह चेयरमैन जुफर फारुकी पांच एकड़ जमीन लेने के प्रपोजल को मीटिंग से पास करा ले जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने जो जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी है, उसपर पहले से ही मजार है। वहां पर हर वर्ष मेला लगता है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को तीन स्थानों के विकल्प दिए थे। इसके तहत केंद्र ने बोर्ड को अयोध्या में जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूरी पर जमीन दी है।

कांग्रेस नेता ने दी थी बधाई

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्रस्ट का गठन किए जाने पर अधिकतर विरोधी दलों ने चुप्पी साधे रखी परंतु कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने न केवल धन्यवाद दिया वरन देशवासियों को आत्मीय बधाई भी दी है। लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे आचार्य प्रमोद ने कहा था कि सनातन धर्म को आत्मसात करने वाले विश्व के करोड़ों हिंदुओं के आस्था का केंद्र श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन करने की घोषणा पर नरेंद्र मोदी को धन्यवाद और देशवासियों को आत्मीय बधाई...श्री राम जय राम, जय जय राम। 


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