Ayodhya Case Verdict 2019 : अयोध्या पर सामंजस्य बनाने में आरएसएस और भाजपा सक्रिय, नेताओं को चुप रहने की हिदायत
अप्रिय और कड़वी भाषा बोलने वाले नेताओं विधायकों और कार्यकर्ताओं को सख्त चेतावनी दी गई है कि इस विषय पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया से बचें।
लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या के राम मंदिर पर शनिवार को आने वाले फैसले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके आनुषंगिक संगठनों के अलावा भाजपा ने जहां सामंजस्य स्थापित करने पर जोर दिया है वहीं सभी प्रमुख नेता मुख्यालय में जमे रहेंगे। धर्मगुरुओं से लेकर सभी वर्गों के लोगों से संपर्क किए जा रहे हैं। पहल यही हो रही है कि फैसला किसी के भी पक्ष में हो उस पर हो हल्ला न मचे। भाजपा ने बयानवीरों पर अंकुश लगा दिया है। अप्रिय और कड़वी भाषा बोलने वाले नेताओं, विधायकों और कार्यकर्ताओं को सख्त चेतावनी दी गई है कि इस विषय पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया से बचें।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल के सभी कार्यक्रम निरस्त हो गये हैं। शनिवार को भाजपा के सभी पदाधिकारी मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने बताया कि स्वतंत्र देव को शनिवार को नैमिषारण्य का दौरा लगा था, लेकिन अब वह मुख्यालय में सुबह से ही मौजूद रहेंगे। आरएसएस और उसके आनुषंगिक संगठनों ने लगातार संपर्क शुरू किया है, जबकि इस बीच सरकार ने भी शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव उपाय किए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों की जिम्मेदारी तय कर दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने सभी पदाधिकारियों को अयोध्या पर आने वाले फैसले का सम्मान करने के साथ भाईचारा कायम रखने के लिए संपर्क के निर्देश दिए हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी जिलों में सक्रियता बढ़ा दी है। प्रदेश की शांति बनाए रखने के लिए मंडल और जिले स्तर पर समाज के सभी वर्गों, धर्मगुरुओं, प्रबुद्धजनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भाजपा के लोग संपर्क कर रहे हैं। यह सिलसिला पिछले कई दिनों से जारी है। यह हिदायत दी जा रही है कि फैसला चाहे किसी के पक्ष में आए, लेकिन कोई ऐसी प्रतिक्रिया न हो जिससे किसी का दिल दुखे। चिह्नित संवेदनशील जिलों के नेताओं को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है।