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Ayodhya case : कोर्ट से बाहर अयोध्या मसले का हल चाहते हैं मुस्लिम बुद्धिजीवी

मुस्लिम बुद्धिजीवियों का कहना है कि यदि मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा जीत भी जाते हैं तो उन्हें यह जमीन हिंदुओं को दे देनी चाहिए।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 10:14 AM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 10:57 AM (IST)
Ayodhya case : कोर्ट से बाहर अयोध्या मसले का हल चाहते हैं मुस्लिम बुद्धिजीवी
Ayodhya case : कोर्ट से बाहर अयोध्या मसले का हल चाहते हैं मुस्लिम बुद्धिजीवी

लखनऊ, जेएनएन। मुस्लिम बुद्धिजीवी अयोध्या मसले का हल कोर्ट से बाहर चाहते हैं। इससे दोनों पक्षों की जीत होगी। बुद्धिजीवियों ने कहा कि यदि मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा जीत भी जाते हैं तो उन्हें यह जमीन हिंदुओं को दे देनी चाहिए।

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मुस्लिम बुद्धिजीवी गुरुवार को इंडियन मुस्लिम फॉर पीस संस्था के बैनर तले राजधानी लखनऊ में एकत्र हुए। इनमें डॉक्टर, इंजीनियर, प्रशासनिक अफसर, शिक्षाविद्, रिटायर्ड जज शामिल थे। बुद्धिजीवियों ने संकल्प पत्र पास कर उसे सुन्नी वक्फ बोर्ड व ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पास भेजने का निर्णय लिया है।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल व एएमयू के पूर्व कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने कहा कि लड़ाई से केवल नुकसान होता है, फायदा नहीं। अयोध्या मसले का हल कोर्ट से बाहर होना चाहिए। कोर्ट का फैसला साफ होना चाहिए। यदि ऐसा न हुआ तो यह फसाद की जड़ बनेगा। वर्तमान में जो हालात हैं, उसमें मुसलमान वहां मस्जिद नहीं बना पाएंगे। इसलिए यह जमीन हिंदुओं को दे देनी चाहिए।

सीआरपीएफ के पूर्व एडीजी निसार अहमद कहते हैं कि यह पूरा मामला राजनीतिक व धार्मिक नेताओं का है। मजहब के नाम पर हमें लड़ाया जा रहा है। दंगों में आम लोग मरते हैं, बड़े लोग सुरक्षित रहते हैं। कोर्ट का जो भी फैसला आए, उसका असर अपने जीवन पर न होने दें।

यह भी पढ़ें : अयोध्या व कॉमन सिविल कोड पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक लखनऊ में कल

रिटायर्ड आइएएस अनीस अंसारी ने कहा कि ये जमीन मुस्लिम समाज के पास है जिसे सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के जरिए सरकार को वापस कर देना चाहिए। इसकी जगह कहीं और मस्जिद बनाने की जमीन दी जाए। कार्यक्रम के सह संयोजक रिटायर्ड जज बीडी नकवी ने कहा की हम सुन्नी वक्फ बोर्ड के संपर्क में हैं। अब वहां मस्जिद नहीं है इसलिए जमीन का एक्सचेंज हो सकता है। बैठक में हृदय रोग विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ. मंसूर हसन, पूर्व मंत्री मोइद अहमद, रिटायर्ड आइपीएस वीएन राय, लव भार्गव सहित कई ने विचार रखे।

ये प्रस्ताव भी हुए पास

  • बाबरी मस्जिद शहीद करने वाले या साजिश में शामिल लोगों को जल्द सजा दी जाए
  • अयोध्या में अन्य मस्जिद, दरगाह व इमामबाड़े हैं, उनके रखरखाव की अनुमति दी जाए
  • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंडर में जितनी मस्जिदें हैं, जहां संभव हो वहां नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाए
  • प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट में सजा तीन माह है, इसे बढ़ाकर तीन साल किया जाए 

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