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Ayodhya Babri Masjid Demolition Anniversary : न शौर्य का इजहार होगा और न गम का स्यापा

Ayodhya Babri Masjid Demolition Anniversary सधे कदमों से रामनगरी अयोध्या इस छह दिसंबर को सौहार्द और शांति के साथ गुजार देने के इरादे से भरी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 08:51 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 09:06 PM (IST)
Ayodhya Babri Masjid Demolition Anniversary : न शौर्य का इजहार होगा और न गम का स्यापा
Ayodhya Babri Masjid Demolition Anniversary : न शौर्य का इजहार होगा और न गम का स्यापा

अयोध्या, जेएनएन। रामजन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इस छह दिसंबर को न शौर्य का इजहार होगा और न ही गम का स्यापा। सधे कदमों से रामनगरी इस छह दिसंबर को सौहार्द और शांति के साथ गुजार देने के इरादे से भरी है।

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इसकी पहल किसी एक या दो नहीं, बल्कि शौर्य और गम के प्रमुख स्तंभों ने की है। एक ओर जहां विहिप ने पहले ही छह दिसंबर को खास दिन की तरह नहीं मनाने का एलान कर दिया है तो दूसरी ओर मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी रस्मी आयोजनों से स्वयं को अलग कर लिया है। एक अन्य मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने अपने आवास पर होने वाला यौमे गम का कार्यक्रम निरस्त कर दिया है। शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी कुछ इसी तरह के स्वर हैं। इन स्वरों की प्रतिध्वनि गुरुवार को ही महसूस होने लगी। सुरक्षा व्यवस्था तारीखी गवाही भले दे पर माहौल में घुला सौहार्द का रंग हर बार से ज्यादा चटख नजर आया।

27 वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब रामनगरी दिन विशेष के प्रतीकात्मक आयोजनों से मुक्त रहेगी। गत वर्षों में अयोध्या में छह दिसंबर जहां शौर्य और यौमे गम के आयोजनों में तल्लीन रहता था, तो इस वर्ष वह इससे मुक्ति के भाव में भरा हुआ होगा। चाहे छह दिसंबर को कारसेवकपुरम में होने वाले विहिप के शौर्य दिवस को ले लीजिए अथवा हाजी महबूब के आवास पर होने वाले यौमे गम को। इन आयोजनों की धमक एक-दो दिन पूर्व ही सुनाई देने लगती थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पहली छह दिसंबर संतुष्टि के भाव से भरी होने के संकेत गुरुवार को ही मिल गये, हालांकि सुरक्षा व्यवस्था हर बार की तरह ही सख्त है।

जिले की सीमा पर पुलिस के साथ ही अर्ध सैनिक बलों को तैनात किया गया है तो रामनगरी में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती है। निगरानी के लिए अयोध्या को पांच जोन व दस सेक्टरों में बांटा गया है। गैर जिलों के भी पुलिस व प्रशासनिक अफसरों की तैनाती की गई है। खुफिया कर्मियों को भी सतर्क किया गया।

शहर से लेकर गांव तक पुलिस का रूटमार्च

छह दिसंबर को लेकर शहर से लेकर गांव तक पुलिस ने आरएएफ और पीएसी के जवानों के साथ रूट मार्च कर शांति की अपील की। संवेदनशील क्षेत्रों में खासी सतर्कता बरती जा रही है। गलियों से चौराहों तक पुलिस की तैनाती कर दी गई है। खुफियाकर्मी रामनगरी से गांव तक हर गतिविधि पर नजर रखे हैं। जिला प्रशासन ने खुशी व गम का इजहार करने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। देर शाम जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और एसएसपी आशीष तिवारी ने फोर्स के साथ शहर में रूट मार्च किया।

संवेदनशील क्षेत्रों में शांति बनाए रखने की अपील

एडीएम प्रशासन एसके सिंह ने बताया कि धारा 144 का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। गुरुवार को अयोध्या में सीओ अयोध्या अमर सिंह व शहर में सीओ सिटी अरविंद चौरसिया की अगुवाई में रूट मार्च किया गया। अति संवेदनशील क्षेत्रों में आरएएफ, पीएसी और पुलिस के जवानों ने मार्च कर शांति बनाए रखने की अपील की। एडीएम प्रशासन व एसपी ग्रामीण की अगुवाई में ग्रामीण क्षेत्र कुमारगंज, इनायतनगर, बारुन, अमानीगंज में गोसाईंगंज में रूट मार्च किया गया। एसएसपी ने शाम अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। शुक्रवार की नमाज को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिलाधिकारी ने जोन व सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की है।

जिले की सीमाओं में पर गिरा बैरियर

जिले की सीमाओं पर गुरुवार शाम बैरियर गिरा दिए गए। जिले में प्रवेश करने वाले वाहनों की सघन चेकिंग करने और आइडी चेक करने के बाद प्रवेश दिया जा रहा है। शांति व्यवस्था के लिए गोसाईंगंज थाना, अमसिन बाजार व दिलासीगंज बाजार में पीस कमेटी की बैठकें हुई।


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