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महाराष्ट्र में अजीत पवार को मनाने की कोशिश नाकाम

Ajit Pawar. बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए छगन भुजबल ने कहा कि अजीत पवार का मन बदलने का प्रयास शुरू है। चर्चा सकारात्मक पद्धति से चल रही है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 06:59 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 06:59 PM (IST)
महाराष्ट्र में अजीत पवार को मनाने की कोशिश नाकाम
महाराष्ट्र में अजीत पवार को मनाने की कोशिश नाकाम

मुंबई, ओमप्रकाश तिवारी। Ajit Pawar. महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से बगावत कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके अजीत पवार को मनाने की कोशिशें जारी हैं। लेकिन अब तक राकांपा नेताओं को इसमें असफलता ही हाथ लगी है। दूसरी ओर, अजीत पवार के चाचा एवं राकांपा अध्यक्ष शरद पवार आज यह सफाई देते भी नजर आए कि अजीत पवार की बगावत के पीछे उनका हाथ नहीं है।

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गत 22 नवंबर को भाजपा के पक्ष में राकांपा विधायक दल के समर्थन का पत्र राज्यपाल को देने वाले अजीत पवार की वापसी के प्रयास राकांपा लगातार कर रही है। गत 23 नवंबर से ही पार्टी का कोई न कोई वरिष्ठ नेता उनसे मिलकर उन्हें मनाने की कोशिश करता रहा है। उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद आज पहली बार विधानभवन पहुंचे अजीत पवार से आज भी प्रदेश राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल एवं छगन भुजबल ने मुलाकात की। इन नेताओं की अजीत पवार के साथ करीब चार घंटे बैठक चली। लेकिन वे अजीत को मनाने में सफल नहीं रहे। बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए छगन भुजबल ने कहा कि अजीत पवार का मन बदलने का प्रयास शुरू है। चर्चा सकारात्मक पद्धति से चल रही है। लेकिन अभी हम लोग किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच सके हैं। जरूरत पड़ेगी तो फिर से मिलेंगे।

छगन भुजबल बोले, अच्छे काम के लिए अनुमति की जरूरत पड़ती

क्या यह प्रयास शरद पवार के कहने से किए जा रहे हैं ? इसका उत्तर देते हुए छगन भुजबल ने कहा कि अच्छे काम के लिए अनुमति की जरूरत पड़ती है, ऐसा मुझे नहीं लगता। बता दें कि यह अजीत पवार के साथ यह बातचीत शुरू होने से पहले विधानभवन परिसर में ही महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण की जयंती के अवसर पर वहां लगी उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करते समय मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राकांपा नेता दिलीप वलसे पाटिल और छगन भुजबल एक साथ नजर आए। अजीत पवार को मनाने के लिए पिछले दो दिनों में भी राकांपा के वरिष्ठ नेताओं की उनसे मुलाकातें होती रही हैं। लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है।

शरद पवार बोले, अजीत पवार की बगावत के मेरा हाथ नहीं

दूसरी ओर, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार आज सुबह कराड जनपद में पत्रकारों से बात करते हुए इस आशंका पर सफाई देते नजर आए कि अजीत पवार की बगावत के पीछे कहीं उनका ही हाथ तो नहीं है। पवार ने इस सवाल पर साफ किया कि अजीत पवार की बगावत के पीछे उनका हाथ नहीं है। दरअसल अब भी लोगो को भरोसा नहीं हो रहा है, कि अजीत पवार अपने चाचा की मर्जी के बगैर इतना बड़ा कदम उठा सकते हैं। पवार ने आगे कहा कि वह पहले भी अनेक संकटों से गुजर चुके हैं। पहले भी रास्ता निकलता रहा है। इसका भी रास्ता निकल आएगा।

उन्होंने कहा कि अजीत पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनसे उनकी कोई बात नहीं हुई है। अजीत पवार द्वारा राकांपा के सभी विधायकों की तरफ से भाजपा को समर्थन दिए जाने के दावे पर शरद पवार ने कहा कि सरकार को राकांपा का समर्थन नहीं है। भाजपा ने बहुमत न होने के बावजूद सरकार बना ली है। दल के रूप में हम सरकार में शामिल नहीं हैं। पवार ने ट्वीट करके भी कहा है कि अजीत पवार का निर्णय उनका अपना निर्णय है, पार्टी का नहीं।

162 विधायकों के समर्थन का पत्र पेश

एक और घटनाक्रम के तहत आज कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना के प्रतिनिधियों ने राजभवन जाकर संयुक्त रूप से शिवसेना सरकार के पक्ष में अपने 162 विधायकों के समर्थन का पत्र पेश किया। इस पत्र में कहा गया है कि भाजपा संख्याबल न होने के कारण पहले सरकार बनाने से इंकार कर चुकी थी। अब भी उन्हें सदन में बहुमत सिद्ध करना होगा। आज की स्थिति देखते हुए उनके पास संख्या बल दिखाई नहीं देता। उनके बहुमत सिद्ध न कर पाने की स्थिति में हम शिवसेना के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश कर रहे हैं।

राज्यपाल को दिए गए इस पत्र पर शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे के हस्ताक्षर के साथ, राकांपा विधायक दल नेता जयंत पाटिल एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोरात के हस्ताक्षर हैं। बता दें कि अजीत पवार की बगावत के बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटाकर प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल को यह अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी है। लेकिन कांग्रेस अभी तक अपने विधायक दल का नेता चुन ही नहीं पाई है।

गुरुग्राम से लौटे राकांपा विधायक

उपमुख्यमंत्री पद पर अजीत पवार के शपथ ग्रहण के बाद ही गुरुग्राम भेजे गए राकांपा के दो विधायक दौलत दरोड़ा एवं अनिल पाटिल आज मुंबई लौट आए। मीडिया से बात करते हुए अनिल पाटिल ने बताया कि गुरुग्राम के एक पांच सितारा होटल में उन्हें बहुत सख्त सुरक्षा में रखा गया था। बड़ी संख्या में वहां भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा वर्दी एवं सादे कपड़ों में सुरक्षा बलों के जवान भी तैनात थे। लेकिन राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से उनकी बात होने के बाद पवार ने दिल्ली स्थित अपने राकांपा कार्यकर्ताओं की मदद से उन्हें वहां से बाहर निकाला और मुंबई वापस बुलाया। अनिल पाटिल और दौलत दरोड़ा ने कहा कि वे अब राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के साथ हैं। अब तक राकांपा के 54 में से 52 विधायक राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के साथ आ चुके हैं।

सिंचाई घोटाले से जुड़े नौ मामले बंद

आश्चर्यजनक रूप से 2013 में दर्ज 71000 करोड़ रुपयों के सिंचाई घोटाले में आज एक नया मोड़ देखने में आया। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस घोटाले से संबंधित नौ केस बंद कर दिए हैं। एसीबी का कहना है कि जो नौ केस बंद किए गए हैं, उनका अजीत पवार से कोई संबंध नहीं है। एसीबी की इस सफाई के बावजूद इन मामलों के बंद होने से लोगों के कान खड़े हो गए हैं। क्योंकि 2014 के विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव से पहले इन मामलों को भाजपा ने अपनी चुनावी रैलियों में खूब भुनाया था।

तब स्वयं देवेंद्र फड़नवीस यह कहते घूम रहे थे कि भाजपा सत्ता में आई तो सिंचाई मंत्री अजीत पवार जेल में चक्की पीसेंगे। लेकिन अब फड़णवीस के साथ ही उपमुख्यमंत्री के रूप में अजीत पवार शपथ ले चुके हैं। और इस शपथ ग्रहण के तीसरे दिन ही एसीबी ने सिंचाई घोटाले से जुड़े नौ मामले बंद कर दिए हैं। एसीबी अधिकारी परमबीर सिंह के अनुसार सिंचाई से जुड़ी शिकायतों के मामले में करीब 3000 निविदाओं की हम जांच कर रहे हैं। ये नियमित जांच हैं, जो बंद हुई है। बाकी मामलों में हमारी जांच अब भी जारी है।

यूं चला घटनाक्रम

- सुबह शरद पवार ने कराड जनपद में महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री एवं अपने राजनीतिक गुरु यशवंतराव चह्वाण की जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए और मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि अजीत पवार की बगावत के पीछे उनका कोई हाथ नहीं है।

- सुबह 10 बजे कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना के नेता शिवसेनानीत सरकार के पक्ष में 162 विधायकों के समर्थन का पत्र लेकर राजभवन गए और सदन में शक्ति परीक्षण के समय भाजपा सरकार गिरने की स्थिति में अपनी सरकार बनाने का दावा पेश किया।

- सुबह 10.30 बजे मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस एवं उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने विधानभवन पहुंचकर वहां स्थापित पूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चह्वाण की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री फड़णवीस ने वहां से मंत्रालय जाकर अपना कार्यभार संभाला। जबकि अजीत पवार विधान भवन में ही अगले चार घंटे राकांपा नेताओं छगन भुजबल, जयंत पाटिल और दिलीप वलसे पाटिल से बातचीत कर घर लौट गए।

- दोपहर एक बजे शिवसेना विधायकों को होटल ललित से साकीनाका स्थित लेमन ट्री होटल में स्थानांतरित किया गया। राकांपा विधायकों को कल रात ही पवई के रेनेसां होटल से हयात होटल में लाया जा चुका था। कांग्रेस विधायक अब भी जुहू स्थित जे.डब्ल्यू.मैरियट होटल में हैं।

- दोपहर करीब डेढ़ बजे राकांपा के दो विधायक दौलत दरोड़ा एवं अनिल पाटिल गुड़गांव से मुंबई लौटे और अपने वहां जाने और वहां से छूटने की कहानी बयान की।

- शाम पांच बजे के करीब राकांपा अध्यक्ष शरद पवार वापस मुंबई पहुंचे।

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