Rajasthan: लोकसभा चुनाव के लिए बेटे वैभव के लिए गहलोत की राजनीति बिसात!
पिछले 10 सालों से संगठन में रहकर राजनीति का गुणा-भाग सीख रहे Vaibhav Gehlot के लिए आगामी लोकसभा चुनाव की बिसात जमने लगी है।
जोधपुर, राज्य ब्यूरो।राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सत्ता पर काबिज हो गई और अब उसकी नजर आगामी लोकसभा चुनाव पर है। कांग्रेस के भीतर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की ओर सबकी निगाहें लगी हुई हैं। पिछले 10 सालों से संगठन में रहकर राजनीति का गुणा-भाग सीख रहे वैभव के लिए आगामी लोकसभा चुनाव की बिसात जमने लगी है।
संभावनाओं का बाजार भी गरमाने लगा है और जोधपुर देहात और शहर कांग्रेस की बैठकों में वैभव को चुनाव लड़ने के न्योते ने इसे हवा भी दी है। जिले के देहात कांग्रेस के कांशीराम ने वैभव को टिकट दिए जाने का प्रस्ताव रखा। इधर वैभव को सिरोही-जालोर या टोंक- सवाई माधोपुर से भी लोकसभा चुनाव मैदान में उतारे जाने की भी चर्चा हो रही है।
मुख्यमंत्री गहलोत अपने परिवार की भावी पीढ़ी को कहां से लांच करें, इसका फैसला प्रदेश कांग्रेस ने उन्हें ही सौंप दिया है। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तरफ से प्रदेश के कार्यकर्ताओं के बीच कराई जा रही रायशुमारी में जोधपुर, जालौर-सिरोही और सवाई माधोपुर सीट से वैभव का नाम प्रस्तावित किया गया है।
हालांकि राजनीति की जादूगरी के माहिर अशोक गहलोत ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन इतना जरूर तय है कि इस बार उन्होंने बेटे वैभव को सक्रिय राजनीति में उतारने की तैयारी कर ली है।
वर्ष 2009 के चुनावों में भी वैभव के सवाई माधोपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा हुई थी लेकिन पिता अशोक गहलोत उन्हें चुनावी रण में उतारने से मना कर दिया था। अब इस बार विधानसभा चुनाव के समय स्वयं वैभव ने अपने पिता से चुनाव लड़ने की स्वीकृति मिलने की बात मीडिया से कही थी और निर्णय आलाकमान पर छोड़ दिया था।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के महासचिव वैभव को वर्ष 2008 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सदस्य बनाया था। विधानसभा चुनाव में जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशियों का चयन भी उनके जोधपुर से चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर मुहर लगाता दिख रहा है।
हालांकि जोधपुर से पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रेश कुमारी समेत एक दो अन्य कांग्रेस नेताओं के नाम भी आगे हैं। जोधपुर लोकसभा क्षेत्र में गहलोत ने अधिकांश बड़ी जातियों के लोगों को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बना वैभव के लिए राह आसान करने का प्रयास भी किया है। वर्तमान में जोधपुर की विधानसभा सीटों की गणित भी इसी ओर इशारा कर रहा है।