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जो निगरानी पहले विमान करते थे, हम करवा रहे यूएवी से : निर्मला सीतारमण

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा सन 2001 में देश ने 126 लड़ाकू विमानों की खरीद का फैसला किया था लेकिन अब यह आवश्यकता कम हो गई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 12:16 AM (IST)Updated: Sun, 24 Feb 2019 12:16 AM (IST)
जो निगरानी पहले विमान करते थे, हम करवा रहे यूएवी से : निर्मला सीतारमण
जो निगरानी पहले विमान करते थे, हम करवा रहे यूएवी से : निर्मला सीतारमण

अहमदाबाद, प्रेट्र। समय और परिस्थितियों के हिसाब से वायुसेना के लिए लड़ाकू विमानों की आवश्यक संख्या बदलती रहती है। सन 2001 में देश ने 126 लड़ाकू विमानों की खरीद का फैसला किया था लेकिन अब यह आवश्यकता कम हो गई है। अब वायुसेना हवाई निगरानी का कार्य यूएवी (मानवरहित विमान) से कर लेती है। दुश्मन देश की सीमा के करीब निगरानी का कार्य अब उनके जरिये ही होता है। इसलिए वायुसेना के लिए विमानों की आवश्यकता कम हुई है।

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राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए राफेल विमान सौदे की उपयोगिता विषय पर आयोजित व्याख्यान में बोलने के बाद रक्षा मंत्री पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रही थीं। उन्होंने 126 विमानों की जगह फ्रांस से 36 विमानों का किए जाने संबंधी सवाल के जवाब में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के समय तैयार हालत में 18 विमानों की खरीद की जा रही थी, राजग सरकार ने उसे बढ़ाकर 36 तैयार विमानों की खरीद का सौदा किया। सितंबर से उन विमानों का मिलना शुरू हो जाएगा। इस बीच मोदी सरकार ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को 83 हल्के लड़ाकू विमान बनाने का आदेश दिया।

सुखोई लड़ाकू विमान भी भारत में बनाए जा रहे हैं। उन्होंने राफेल सौदे में किसी तरह की आशंका को निराधार बताया। कहा कि रक्षा मंत्री के रूप में अरुण जेटली और मनोहर पर्रीकर को भी सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं मिली थी। इसलिए सौदे को लेकर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं।


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