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Article 370: जम्‍मू कश्‍मीर में नजरबंद अंसारी समेत तीन नेता बांड भरकर हुए रिहा

मीरवाइज नेकां के दो पूर्व विधायकों और पीडीपी नेता समेत पांच ने भरा बांड-रिहाई के बाद कोई ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे कानून व्यवस्था बिगडे़ या जनभावनाएं भड़कें

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 07:54 AM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 07:54 AM (IST)
Article 370: जम्‍मू कश्‍मीर में नजरबंद अंसारी समेत तीन नेता बांड भरकर हुए रिहा
Article 370: जम्‍मू कश्‍मीर में नजरबंद अंसारी समेत तीन नेता बांड भरकर हुए रिहा

श्रीनगर,  राज्य ब्यूरो। जम्‍मू कश्‍मीर में नजरबंद मीरवाइज, नेकां के दो पूर्व विधायकों और पीडीपी नेता समेत पांच ने बांड भरा है। रिहाई के बाद कोई ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे कानून व्यवस्था बिगडे़ या जनभावनाएं भड़कें। पीपुल्स कांफ्रेस के महासचिव एवं पूर्व मंत्री इमरान रजा अंसारी के साथ नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक मोहम्मद सईद आखून और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के एमएलसी खुर्शीद आलम को शुक्रवार को एहतियातन हिरासत से मुक्ति मिल गई है। तीनों नेताओं ने बांड भरा है। अलबत्ता, बांड भरे जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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संबंधित अधिकारियों ने बताया कि नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व विधायक मोहम्मद सईद आखून को उनके स्वास्थ्य के आधार पर रिहा किया गया है, जबकि पीडीपी नेता एमएलसी खुर्शीद आलम को उनके भाई की मौत के मद्देनजर छोड़ा गया है। पीडीपी छोड़ पीपुल्स कांफ्रेंस में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री इमरान रजा अंसारी को मुहर्रम से पहले ही प्रशासन ने सेंतूर उप जेल से उनके घर में स्थानांतरित कर नजरबंद कर दिया था। शुक्रवार वह भी दिल्ली रवाना हो गए। वह अपने उपचार के लिए दिल्ली गए हैं। उन्हें भी उनके स्वास्थ्य के आधार पर ही प्रशासन ने रिहा किया है।

आजादी, ऑटोनामी या सेल्फ रूल नहीं, रिहाई चाहिए

सूत्रों ने बताया कि उदारवादी हुर्रियत चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, नेशनल कांफ्रेंस के दो पूर्व विधायकों, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स कांफ्रेंस से जुड़े दो नेताओं ने राज्य प्रशासन को बांड लिखकर दिया है कि वह अपनी रिहाई के बाद कोई ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे माहौल बिगड़े।

धारा 107 के तहत हिरासत में हैं लगभग 1200 नेता :

पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर की संवैधानिक स्थिति में बदलाव के मद्देनजर प्रशासन ने कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के करीब 1200 नेताओं व कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया था या फिर उन्हें उनके घरों में नजरबंद किया गया था। इन सभी को सीआरीपीसी की धारा 107 के तहत हिरासत में लिया गया है।

ये नेता भरकर दे चुके हैं बांड :

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि रिहाई के लिए बांड भरने वालों में मीरवाइज मौलवी उमर फारूक पहले प्रमुख अलगाववादी नेता बताए जा रहे हैं। वह कश्मीर समस्या के समाधान के लिए हमेशा जनमत संग्रह या फिर कश्मीर की आजादी पर जोर देते रहे हैं। उनके अलावा ऑटोनामी का नारा देने वाली नेशनल कांफ्रेंस के दो वरिष्ठ नेता जो पूर्व विधायक भी हैं और कश्मीर में सेल्फ रूल की वकालत करने वाली पीडीपी के एक पूर्व विधायक शामिल हैं। अलगाववाद की सियासत को गुडबाय करने के बाद मुख्यधारा की सियासत में लौटने वाले सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस का भी एक युवा नेता अपनी रिहाई के लिए बांड भरकर दे चुका है।

कानून के उल्लंघन पर फिर लिया जा सकता है हिरासत में :

संबंधित अधिकारियों के अनुसार, अगर सीआरपीसी की धारा 107 के तहत बांड के आधार पर रिहाई प्राप्त करने के बाद कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है, राजनीतिक जलसों में भड़काऊ बयानबाजी करता है तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

चरणबद्ध तरीके से रिहाई की प्रक्रिया पर काम शुरू :

अधिकारिक स्तर पर बांड भरने वाले इन पांच लोगों के नामों को उजागर नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि पांच अगस्त को एहतियातन हिरासत में लिए गए लोगों की चरणबद्ध तरीके से रिहाई की प्रक्रिया पर काम शुरू हो चुका है।

अब बंद होने को हैं नारे :

नजरबंद नेताओं की रिहाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीधा अपने हाथ में रखा हुआ है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जिस तरह से इन पांच लोगों ने अपनी रिहाई के लिए बांड भरा है, उससे साफ है कि जम्मू कश्मीर की संवैधानिक स्थिति में बदलाव के साथ आजादी, ऑटोनामी और सेल्फ रूल के नारे भी बंद होने जा रहे हैं।


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