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अनिल विज का एक और धमाका, अब शहरी निकायों में सीएलयू पर लगाया ब्रेक

हरियाणा के कैबिेनट मंत्री अनिल विज ने एक और धमाका किया है। उन्‍होंने राज्‍य के शहरी निकायों में सीएलयूपर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब ऑनलाइन सीएलयू होगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 07:45 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 11:40 AM (IST)
अनिल विज का एक और धमाका, अब शहरी निकायों में सीएलयू पर लगाया ब्रेक
अनिल विज का एक और धमाका, अब शहरी निकायों में सीएलयू पर लगाया ब्रेक

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा के गृह और शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने एक ओर धमाका किया है। गृहमंत्री के रूप में सीआइडी को लेकर मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल से तनातनी के बाद अब शहरी निकाय मंत्री के रूप में विज ने बड़ा कदम उठाया है। उन्‍होंने शहरी निकायों में सीएलयू पर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अब ऑनलाइन प्रक्रिया की व्‍यवस्‍था होने पर सीएलयू  (चेंज ऑफ लैंड यूज) शुरू हाेगी। ऐसे में शहरी निकायों में अब सीएलयू के नाम पर कर्मचारियों द्वारा 'सेवा-पानी' वसूलने का सिस्टम बंद होगा।

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कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने दिया निर्देश, ऑनलाइन प्रक्रिया से ही क्लीयर होंगी फाइलें

शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने कहा कि महकमे से जुड़े सभी तरह के सीएलयू पर रोक लगा दी गई है। ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने तक सीलयू से जुड़े किसी केस को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। शहरी निकायों में सीएलयू के मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर नोटिस लेते हुए विज ने महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. उमाशंकर को निर्देश दिया है कि गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी की तर्ज पर ऑनलाइन सीलयू किए जाएं। सभी दस नगर निगमों, 19 नगर परिषदों और 61 नगर पालिकाओं में सीएलयू की मंजूरी ऑनलाइन दी जाएगी।

गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी की तर्ज पर सभी निकायों में ऑनलाइन मिलेंगे सीएलयू

दरअसल शहरी क्षेत्रों में पेट्रोल पंप, होटल, बैंक्वेट हॉल, मैरिज पैलेस, ढाबों के साथ ही आवासीय और वाणिज्यिक भवन बनाने से पहले सीएलयू की मंजूरी लेनी होती है। आमतौर पर शहर से बाहर, लेकिन निकायों के दायरे में आने वाली जमीन के लिए यह मंजूरी जरूरी है। सीएलयू के मामलों में बड़ा 'खेल' होने की शिकायतें विज तक पहुंच रही थीं। इसके बाद मंत्री ने सभी निकायों में गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर को पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्देश दिया है।

कर्मचारी नहीं रोक सकेंगे फाइल, तय समय में मिलेंगे सीएलयू

सीएलयू की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के बाद विभाग के कर्मचारी फाइल को दबा नहीं सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन के बाद आवेदक को रसीद मिलेगी और उसे एक नंबर दिया जाएगा। इसके आधार पर वह घर बैठे ही अपनी फाइल का स्टेट्स चेक कर सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन के बाद अगर परमिशन में देरी होती है तो इसका कारण भी संबंधित अधिकारी को बताना होगा। बिना किसी कारण के देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

ऑनलाइन सिस्टम लागू होने तक सीएलयू की फाइलों पर रोक

शहरी निकाय मंत्री अनिल विज ने अफसरों को निर्देश दिया है कि ऑनलाइन सॉफ्टवेयर लागू होने तक सीएलयू से जुड़ी कोई भी फाइल उनके पास न भेजी जाएं। हालांकि नगर निगमों, परिषद और पालिकाओं में सीएलयू की अधिकतर फाइलों को विभाग के निदेशक द्वारा ही निपटा दिया जाता है। कुछ ही मामलों में फाइल मंत्री तक आती है। डायरेक्टर भी ऑनलाइन सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद ही अब सीएलयू की मंजूरी दे सकेंगे।


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