All India Police Science Congress 2019 : अमित शाह ने कहा, अब तक हो चुकीं कांग्रेस के सुझावों पर अमल की हो समीक्षा
All India Police Science Congress 2019 गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में पुलिस स्मारक की स्थापना कराई है। यह पुलिस के गौरव व स्वाभिमान का प्रतीक है।
लखनऊ, जेएनएन। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से जानना चाहा कि वर्ष 1960 से अब तक हुईं पुलिस विज्ञान कांग्रेस में आए सुझावों और पारित प्रस्तावों को अमली जामा पहनाने के लिए अब तक क्या हुआ। उन्होंने अफसरों से दो टूक कहा कि इसकी समीक्षा करने के लिए एक विशेष पुलिस विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जाना चाहिए। चुटकी ली कि सुझावों और प्रस्तावों पर क्रियान्वयन और रिजल्ट के बिना पुलिस विज्ञान कांग्रेस का आयोजन तो पिकनिक मनाने जैसा है क्योंकि दो दिनों तक मुख्यमंत्री, मंत्रियों के फोन आने पर आप यही कहेंगे कि मैं तो इस कार्यक्रम में व्यस्त हूं।
47वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे अमित शाह ने कहा कि कई बार मैं सोचता हूं कि कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में जाने से ज्यादा फायदा होता है या समापन में। मेरा मानना है कि समापन के बाद ही शुरुआत होती है क्योंकि मंथन के बाद ही उस पर अमल होता है। इसलिए जब पुलिस विज्ञान कांग्रेस में आने का न्योता मिला तो मैंने तय कर लिया था कि समापन में जाऊंगा।
उन्होंने कहा कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो का यह काम है कि वह पुलिस की समस्याओं और उसके सामने आने वाली चुनौतियों को ढूंढ़े और उनका समाधान खोजे। उन्हें नीचे तक पहुंचाने का जरिया पुलिस विज्ञान कांग्रेस है। उन्होंने जानना चाहा कि वर्ष 1960 से अब तक हुईं पुलिस साइंस कांग्रेस में जितने भी शोध पत्र पढ़े गए, उनका क्या हुआ? कहा कि केवल सर्कुलर जारी करने से कुछ नहीं होता। सबसे जरूरी यह है कि पुलिस विज्ञान कांग्रेस में हुए मंथन से उपजे सुझावों पर अमल हुआ कि नहीं। संबोधन में उनका जोर पुलिस सुधारों से ज्यादा पुलिसिंग सुधारों पर था। उन्होंने कहा कि इसके लिए सिर्फ तकनीकी जरूरी नहीं है। पुलिसिंग में सुधार तभी आएगा जब पुलिस कार्मिकों के मन में इसकी प्रबल इच्छाशक्ति होगी।
राज्यों में भी पुलिस गौरव का प्रतीक बनें स्मारक
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में पुलिस स्मारक की स्थापना कराई है। यह पुलिस के गौरव व स्वाभिमान का प्रतीक है। राज्यों में भी इसी प्रकार पुलिस चेतना केंद्र बनाएं। पुलिस का जनता को देखने का और जनता का पुलिस को देखने का नजरिया बदलना चाहिए। सही मायने में तभी सुधार आएगा और बदलाव भी। कहा कि वह चाहते हैं कि सभी राज्य पुलिसकर्मियों के द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों की डॉक्यूमेंट्री बनाकर भेजें, जिन्हें पुलिस स्मारक में दर्शाया जा सके। पुलिस कर्मियों के त्याग व बलिदान की अच्छी कहानियां सामने आनी चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों में जो पुलिस चेतना केंद्र बनें, उनकी सार्थकता तब होगी, जब स्कूली बच्चों को शैक्षिक भ्रमण पर वहां ले जाया जाए।
गाड़ियां आने से सिर्फ रफ्तार बढ़ी
शाह ने परंपरागत पुलिसिंग की चर्चा करते हुए वर्तमान स्थिति पर चिंता भी जताई। कहा कि गाड़ी आने से पुलिसिंग मजबूत नहीं हुई, सिर्फ मूवमेंट तेज हुआ है। गृह मंत्री ने बीट प्रणाली को पुनर्जीवित करने की वकालत की। कहा कि बीट प्रणाली के लिए चंडीगढ़ पुलिस के मॉडल को देखना चाहिए। इसके साथ ही परेड नियमित हो। डॉग स्क्वायड, घोड़ों सबकी चिंता की जाए। नए और अभिनव प्रयोगों को बढ़ावा दिया जाए। एसपी अपने जिले में नए प्रयोग करें जिन्हें सीनियर अफसर प्रोत्साहित करें।
जनता के नजदीक होने के बाद भी साथ नहीं दिखती पुलिस : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 47वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के समापन समारोह में पुलिस और जनता के बीच की दूरी को खत्म कर कम्युनिटी पुलिसिंग की पैरवी की। योगी ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा व कानून का राज स्थापित करने में पुलिस की बड़ी भूमिका है। पुलिस जनता के सबसे पास होती है, लेकिन उनके साथ दिखाई नहीं देती। पुलिस का यह रवैया उसकी कार्यपद्धति को प्रश्न के दायरे में खड़ा करता है। योगी ने कहा कि समय के अनुरूप कम्युनिटी पुलिसिंग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। कम्युनिटी पुलिसिंग इंटेलिजेंस का एक बड़ा माध्यम बन सकती है। इसके लिए सबसे अहम भूमिका प्रशिक्षण की होती है।
पुलिस के प्रति विश्वास और आपराधिक तत्वों में भय दिखना चाहिए
योगी ने कहा कि अब अपराध का दायरा स्थानीय और इंटरस्टेट न होकर अंतरराष्ट्रीय हो चुका है। साइबर क्राइम के क्षेत्र में चौंकाने वाले आंकड़े देखने को मिलते हैं। योगी ने कहा कि आमजन के विश्वास पर खरा उतरने के लिए नया प्रयास करना है। बेहतर पुलिसिंग के जरिये लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास और आपराधिक तत्वों में भय दिखना चाहिए। योगी ने कहा कि तकनीक का इस्तेमाल करके बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है। कुंभ का शांतिपूर्ण आयोजन इसका उदाहरण है। कुंभ यूनिक इवेंट बना, जो टीम वर्क और केंद्र व राज्य की एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय से संभव हुआ। योगी ने कहा कि अयोध्या प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जिस तरह प्रदेश में शांति और सौहार्द का माहौल बना रहा, उसने देश-दुनिया के सामने मिसाल कायम की है।