Move to Jagran APP

कश्मीर घाटी में 30 साल में पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे पर न कोई हड़ताल न बंंद

गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी के बावजूद घाटी में उम्मीद के विपरीत बुधवार को किसी जगह हड़ताल या बंद नहीं रहा। कड़ी सुरक्षा के बीच जनजीवन सामान्य रहा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 10:41 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 10:48 AM (IST)
कश्मीर घाटी में 30 साल में पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे पर न कोई हड़ताल न बंंद
कश्मीर घाटी में 30 साल में पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे पर न कोई हड़ताल न बंंद

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी के बावजूद घाटी में उम्मीद के विपरीत बुधवार को किसी जगह हड़ताल या बंद नहीं रहा। कड़ी सुरक्षा के बीच जनजीवन सामान्य रहा। हालांकि, डल झील में रहने वालों को कुछ परेशानी जरूर हुई, क्योंकि बुल्वोर्ड रोड सामान्य वाहनों की आवाजाही के लिए बंद था। झील में भी नेहरू पार्क से आगे चार चिनारी तक नौका विहार को बंद रखा गया था।

loksabha election banner

बीते 30 सालों में यह पहला मौका है जब वादी में केंद्र सरकार के किसी बड़े मंत्री या नेता के आने पर किसी भी अलगाववादी संगठन ने बंद का एलान नहीं किया। वर्ष 1989 में कश्मीर में आतंकी हिंसा का दौर शुरू होने के साथ ही जब भी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृह मंत्री समेत किसी भी प्रमुख राष्ट्रीय नेता का कश्मीर में आना हुआ तो अलगाववादियों और आतंकियों ने हमेशा दौरों का बहिष्कार कर बंद का एलान किया। इस दौरान कर्फ्यू जैसी स्थिति रहती थी। वहीं, अब बदलते हालात के बीच शाह के दौरे के समय किसी भी अलगाववादी ने कहीं भी बंद नहीं किया। यहां तक कि लोगों से जुलूस निकालने तक के लिए नहीं कहा।

पूरी वादी में सामान्य जनजीवन आम दिनों की तरह बहाल रहा। लाल चौक जो अक्सर ऐसे मौके पर सैन्य छावनी में बदल जाता है। इस बार ऐसा नहीं हुआ। दु़कानें खुली हुई थी। सड़कों पर यातायात भी सामान्य रहा। लाल चौक के साथ सटे प्रताप पार्क के सामने स्थित कश्मीरी दस्तकारी की दुकान चलाने वाले जावेद नक्शबंदी ने कहा कि मैं 1995 से लगातार अपनी दुकान पर आ रहा हूं। यह पहला मौका है जब दिल्ली से किसी बड़े मंत्री के कश्मीर दौरे के खिलाफ यहां कोई तनाव नहीं है। हुर्रियत ने भी बंद की कॉल नहीं की है और न ही किसी जगह पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने लोगों की आवाजाही को रोका। मैंने दुकान में कई ग्राहकों से भी बात की, वह भी यही कह रहे थे कि बदलाव आ गया है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के समय किसी भी तरह की हड़ताल का एलान न होने पर पत्रकार एजाज अहमद ने कहा कि यह हैरान कर देने वाला है। मुझे लगता है कि हुर्रियत ने बातचीत की पेशकश की उम्मीद में बंद का एलान नहीं किया है। आप इसे मोदी इफेक्ट भी कह सकते हैं। जो भी कहें, लेकिन कश्मीर क हालात मे बदलाव का यह एक अच्छा संकेत कहा जा सकता है।

डल झील वाले इलाके में रही सख्‍ती

कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने कहा कि हड़ताल का न होना और डल झील के साथ सटे इलाके को छोड़ किसी अन्य जगह प्रशासनिक पाबंदियों का न होने का असर यहां साफ नजर आ रहा है। लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि उन्होंने कहा कि डल गेट से लेकर फोरशोर रोड तक आम लोगों पर पाबंदी रही। इसी इलाके में पर्यटक रहते हैं। वह कुछ समय के लिए अच्छी जगहों पर नहीं जा पाए। शालीमार, निशात जैसे ऐतिहासिक मुगल बाग भी इसी हिस्से में हैं।  

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.