पहलू खान के खिलाफ दो साल बाद गो हत्या की चार्जशीट, ओवेसी ने मुस्लिमों का किया आव्हान
मॉब लिन्चिंग के शिकार पहलू खान के खिलाफ राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट दायर की। ये मामला तुरंत राजनीतिक गलियारों में चर्चे की वजह बन गया है।
जयपुर, एएनआई। राजस्थान पुलिस ने अलवर में गौ-रक्षकों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डालने के दो साल बाद, पहलु खान के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में राजस्थान के गोजातीय पशु (वध निषेध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात पर प्रतिबंध) अधिनियम, 1995 और नियम, 1995 की धारा 5, 8 और 9 के तहत पहलू खान को चार्जशीटेड किया गया है। मार्च 2017 में पहलु खान को अलवर जिले में भीड़ द्वारा बेरहमी से पीटा गया था। दो दिन बाद उसने दम तोड़ दिया। प्राथमिकी दर्ज कि गई थी जिसमे छह लोगों का नाम था। कैमरे पर यह लिंचिंग पकड़ी गई थी।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पहलू खान केस की जांच पिछली भाजपा सरकार के दौरान की गई थी। इस मामले की चार्जशीट भी भाजपा सरकार के दौरान पेश की गई थी। अगर इस जांच में किसी भी तरह की खामी पाई जाती है, तो इस मामले की जांच फिर से होगी।
सांसद और एआईएमआईएम चीफ असद्दुदीन आवैसी ने मृतक पहलू खान के खिलाफ चार्जशीट दायर किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है और कहा है कि सत्ता में आने पर कांग्रेस भी भाजपा जैसी ही हो जाती है, राजस्थान के मुसलमानों को ये बात समझ लेनी चाहिए।
ये मामला तुरंत राजनीतिक गलियारों में चर्चे की वजह बन गया है। सांसद और एआईएमआईएम चीफ असद्दुदीन आवैसी ने मृतक पहलू खान के खिलाफ चार्जशीट दायर किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है और कहा है कि सत्ता में आने पर कांग्रेस भी भाजपा जैसी ही हो जाती है, राजस्थान के मुसलमानों को ये बात समझ लेनी चाहिए। ओवैसी ने कहार उन लोगों, संस्थाओं का विरोध करना चाहिए जो कांग्रेस पार्टी के लिए काम करते हैं और उन्हें अपना राजनीतिक प्लेटफॉर्म विकसित करने की कोशिश शुरू कर देनी चाहिए, 70 साल बहुत होते हैं अब कृपया बदल जाइए।
ज्ञानदेव आहूजा का बड़ा बयान
राजस्थान के अलवर मॉब लिंचिंग मामले में मृतक पहलू खान के खिलाफ चार्जशीट दायर होने पर भाजपा के नेता ज्ञानदेव आहूजा की प्रतिक्रिया आई है। पहलू खान पर राजस्थान पुलिस द्वारा चार्जशीट दायर होने के बाद भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि पहलू खान, उनके भाई और बेटे आदतन अपराधी थे और लगातार गौ तस्करी में शामिल थे। गौ रक्षक और हिंदू परिषद पर लगाए गए सभी आरोप गलत थे।
ज्ञानदेव आहुजा ने कहा कि स्थानीय लोगों ने पहलू खान के वाहन को पकड़ा जिसमें वे गायों की तस्करी कर रहे थे और उन्होंने ही उन्हें रोका था। पहलू खान की मौत पुलिस हिरासत में हुई, स्थानीय लोगों ने उनकी पिटाई नहीं की थी। अब जब उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है, तो कांग्रेस इसका श्रेय ले रही है। लेकिन कांग्रेस ने तब पहलू के परिवार को वित्तीय मदद दी थी।
जानकारी हो कि गाय तस्करी के लिए राजस्थान पुलिस ने पहलु खान के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।अलवर में 2017 में भीड़ द्वारा उसे पीट-पीट कर मार डाला गया, जब वह मवेशियों को ले जा रहा था। राजस्थान पुलिस द्वारा इस मामले में दायर की गई चार्जशीट में भीड़ की हिंसा के शिकार पहलू खान के दो बेटों का नाम भी शामिल है।
जानकारी हो कि राजस्थान के अलवर में दो साल पहले गोरक्षकों द्वारा पीट-पीटकर मारे गए मॉब लिन्चिंग के शिकारपहलू खान के खिलाफ पुलिस ने गो तस्करी के मामले में चार्जशीट दाखिल की है। पुलिस चार्जशीट में उस पिक-अप ट्रक के मालिक का नाम भी दर्ज है, जिसे मवेशियों को लाने-ले जाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
बता दें कि डेयरी कारोबार चलाने वाले पहलू खान को 1 अप्रैल, 2017 को बहरोर के पास गोरक्षकों की भीड़ ने गो-तस्करी के संदेह में पीट-पीटकर मार डाला था। लिन्चिंग के इस मामले ने राजस्थान समेत पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
दो साल पहले हुई इस घटना के वक्त राज्य में भाजपा की सरकार थी और वसुंधरा राजे सिंधिया मुख्यमंत्री थीं।सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार की तरफ से पिछले साल 30 दिसंबर को यह चार्जशीट तैयार की गई थी।वहीं, 29 मई, 2019 को बहरोड़ के एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में चार्जशीट पेश की गई।इस चार्जशीट में पहलू खान और उनके बेटों पर राजस्थान गोवंशीय पशु (वध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात पर प्रतिबंध) अधिनियम, 1995 और नियम, 1995 की धारा 5, 8 और 9 लगाई गई है।। इस चार्जशीट में इरशाद के साथ पहले के सबसे छोटे बेटे आरिफ का नाम भी शामिल है।
बता दें कि एक अन्य मामले में पिछले साल राज्य की तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने भी ऐसी ही चार्जशीट खान के सहयोगियों अज़मत और रफीक के खिलाफ दाखिल की थी। इन दोनों पर उसी भीड़ ने हमला किया था जिसने ट्रक ड्राइवर अर्जुन को निशाना बनाया था। वहीं, पिक-अप मालिक जगदीश प्रसाद के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई थी।
पहलू खान मामला
राजस्थान में सीआईडी क्राइम ब्रांच ने पहलू खान की हत्या के आरोपी सभी छह लोगों को क्लीन चिट दे दी थी। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि हमले के समय घटना पर छह आदमी मौजूद थे, इसका कोई सबूत नहीं है। इस हमले में ओम यादव (45), हुकुम चंद यादव (44), सुधीर यादव (45), राहुल सैनी (24), नवीन शर्मा (48) और जगमाल यादव (73) आरोपी बनाए गए थे। ख़बर के मुताबिक, घटना के वक़्त यह सभी आरोपी जगमाल यादव की राठ गोशाला में थे और यह गोशाला जहां पहलू की हत्या वाली जगह से करीब चार किलोमीटर दूर है।
कहा जा रहा था कि राठ गोशाला के स्टाफ की ओर से पुलिस को दिए बयानों से यह बात साबित हुई है, इनके कॉल रिकॉर्ड और मोबाइल की लोकेशन से भी इन बयानों की पुष्टि होती है। पुलिस का कहना था कि इन 6 आरोपियों का पहलू खान की हत्या से कोई लेना-देना नहीं था।
जानिए क्या था पूरा मामला
दरअसल, राजस्थान के अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र में कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा गाय लेकर जा रहे मुस्लिम समुदाय के 15 लोगों पर किए गए हमले में बुरी तरह जख्मी 55 वर्षीय पहलू खान नाम की मौत हो गई थी। मेवात जिले के नूंह तहसील के जयसिंहपुर गांव के रहने वाले पहलू खान एक अप्रैल, 2017 को अपने दो बेटों और पांच अन्य लोगों के साथ जब गाय खरीदकर लौट रहे थे, तब राजस्थान के बहरोड़ में कथित गोरक्षों ने गो-तस्करी का आरोप लगाकर उन लोगों की जमकर पिटाई की। भीड़ के हमले में अन्य लोगों के साथ बुरी तरह से पिटाई के शिकार हुए 55 साल के पहलू खान ने 3 अप्रैल को अस्पताल में दम तोड़ दिया। जबकि, बाद में मिले दस्तावेजों से लगा कि उनके पास गाय ले जाने के दस्तावेज भी थे। इन रसीदों में इन लोगों द्वारा जयपुर नगर निगम और दूसरे विभागों को चुकाए गए पैसों की रसीद है, जिसके तहत वे कानूनी रूप से गायों को ले जाने का हक रखते थे।
हैरानी की बात यह थी कि, गोरक्षा के नाम भीड़ कुछ लोगों को मारती रही और पुलिस वहीं खड़ी होकर तमाशा देखती रही। वहीं, राजस्थान के तत्कालीन गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने इस मामले में विवादित बयान देते हुए कहा था कि ‘गोरक्षकों’ ने अच्छा काम किया, लेकिन लोगों की पिटाई कर उन्होंने कानून का उल्लंघन भी किया।