अजीत जोगी की पार्टी में चुनाव से पहले मची भगदड़
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, उनके सिपहसलार एक-एक कर उनका साथ छोड़ते जा रहे हैं।
नई दुनिया, रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) के सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी में विधानसभा चुनाव से पहले ही भगदड़ मच गई है। इससे जोगी के छत्तीसगढ़ में करिश्माई प्रदर्शन के दावे पर सवाल उठने लगे हैं।
जोगी ने दावा किया था कि जैसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) ने करिश्माई प्रदर्शन किया था, वैसा ही प्रदर्शन उनकी पार्टी छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में करेगी, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, उनके सिपहसलार एक-एक कर उनका साथ छोड़ते जा रहे हैं। बीते एक माह में जोगी की सेना के कई बड़े नेता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में लौट गए हैं। जकांछ के अभी कई और दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़ने की चर्चा है। जाहिर है कि जकांछ को कांग्रेस उसके ही हथियार से घायल करती जा रही है। यही वजह है कि पार्टी सुप्रीमो जोगी प्रत्याशियों की अगली सूची जारी नहीं कर रहे, अब वे पार्टी में बचे हुए नेताओं को साधने में लग गए हैं।
जोगी ने वर्तमान में केवल 41 विधानसभा सीटों पर ही उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। माना जा रहा है कि शेष 49 सीटों पर उम्मीदवार फाइनल करने के लिए जोगी भाजपा और कांग्रेस में टिकट बंटने का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के बागी नेताओं को तोड़कर जकांछ बड़ा दांव खेल सकती है। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि तकरीबन आधा दर्जन सीट पर प्रत्याशियों के नामों की एक लिस्ट जल्द जारी हो सकती है।
पार्टी छोड़ने वालों की कतार लंबी
जकांछ छोड़कर कांग्रेस में लौटने की मुहिम की शुरुआत वाणी राव और डमरूधर ने की। जोगी के खास उत्तम वासुदेव ने भी साथ छोड़ दिया। डॉ.चंद्रिका साहू, विनोद तिवारी, कोरिया की जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती मरकाम, बलौदा बाजार जिला पंचायत सभापति अभिनव यदु, पूर्व विधायक अंतूराम कश्यप और डोमेंद्र भेडिया, कांग्रेस विधायक दल के उपनेता कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी और जगदलपुर के वरिष्ठ नेता प्रभात अपने हजारों समर्थकों के साथ कांग्रेस में वापस लौट चुके हैं।