After Ayodhya Verdict : मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 17 नवंबर को लखनऊ में तय करेगा आगे की रणनीति
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कार्यकारिणी की बैठक में तय किया जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका या क्यूरेटिव याचिका दाखिल की जाए या नहीं।
लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विचार करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक 17 नवंबर को होने जा रही है। इसमें यह तय किया जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका या क्यूरेटिव याचिका दाखिल की जाए या नहीं।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि 17 नवंबर को लखनऊ में सुबह 10 बजे नदवा कॉलेज में बैठक होगी। उन्होंने बताया कि इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस महत्वपूर्ण बैठक के लिए सभी कार्यकारिणी सदस्यों को बुलाया गया है। बोर्ड के सचिव एवं वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने बताया कि बोर्ड कार्यकारिणी की 17 नवंबर को होने वाली बैठक में अयोध्या मसले पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सभी सदस्यों को रूबरू कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पर्सनल लॉ बोर्ड पुनर्विचार याचिका दाखिल करे या न करे इस पर निर्णय लिया जाएगा।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी 26 नवंबर को बुलाई बैठक
वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी अपनी बैठक 26 नवंबर को बुलाई है। इसमें कोर्ट के निर्णय से सदस्यों को रूबरू कराया जाएगा। बोर्ड अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा कि उनके पास लोगों की अलग-अलग मत आ रहे हैं। इसलिए आवश्यक है कि बोर्ड बैठक करके सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाए। यदि भूमि लेने पर सहमति बन जाती है तब भूमि लेने की शर्तें तय होंगी। बोर्ड की बैठक 13 नवंबर को प्रस्तावित थी, लेकिन अब 26 नवंबर को बोर्ड की बैठक बुलाई है।
बता दें कि राम मंदिर विवाद पर फैसला आने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारुकी ने कहा है कि बोर्ड अयोध्या विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगा। फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा था कि हम पहले से कह चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसे दिल से माना जाएगा। सभी को भाईचारे के साथ इस फैसले का सम्मान करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में पांच जजों की सांविधानिक पीठ ने शनिवार (09 नवंबर, 2019) को देश के सबसे पुराने मुकदमे श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर फैसला सुनाया। पीठ ने कहा कि जन्मभूमि रामलला विराजमान की है। कोर्ट ने राम मंदिर बनाने के लिए केंद्र सरकार को तीन माह के भीतर ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया है। यह भी फैसला सुनाया कि मस्जिद बनाने के लिए सरकार अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन मुहैय्या कराए।