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After Ayodhya Verdict : अयोध्या में रामलला को सौंपी गई सुप्रीम कोर्ट फैसले की प्रति

After Ayodhya Verdict रामलला विराजमान की पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं का दल शनिवार को दिल्ली से रामलला के दरबार पहुंचा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 11:19 AM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 11:37 AM (IST)
After Ayodhya Verdict : अयोध्या में रामलला को सौंपी गई सुप्रीम कोर्ट फैसले की प्रति
After Ayodhya Verdict : अयोध्या में रामलला को सौंपी गई सुप्रीम कोर्ट फैसले की प्रति

अयोध्या, जेएनएन। भगवान राम की नगरी अयोध्या में रामलला के मामले में न्याय की अवधारणा के अनुरूप सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रति संबंधित पक्षकारों को सौंपी जानी चाहिए और इस प्रति पर उस पक्ष का विशेष अधिकार बनता है, जिसके हक में फैसला आया हो।

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इसी क्रम में रामलला विराजमान की पैरवी करने वाले अधिवक्ताओं का दल शनिवार को दिल्ली से रामलला के दरबार पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान की पैरवी से करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के. परासरन ने फैसले की प्रति अर्पित की। अधिग्रहीत परिसर में ही स्थित रामचरित मानस भवन के अतिथि गृह में रामलला विराजमान की ओर से अधिग्रहीत भूमि के रिसीवर मंडलायुक्त मनोज मिश्र ने यह प्रति स्वीकार की।

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय, अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेशचंद्र एवं रामलला विराजमान के सखा त्रिलोकीनाथ पांडेय ने मंडलायुक्त को फैसले की प्रति सौंपी। 929 पेज का फैसला और रामजन्मभूमि की प्रामाणिकता प्रशस्त करते साक्ष्यों से युक्त 116 पेज का विशेष परिशिष्ट अधिवक्ताओं की उस मेहनत का परिणाम है, जिसे उन्होंने स्थानीय सिविल कोर्ट से लेकर उच्चतम न्यायालय तक के वकीलों ने किया। सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन 170 घंटों तक चली नियमित सुनवाई के साथ उनकी मेहनत रोशन होती रही, जब नौ नवंबर को फैसला आया। तब उन्होंने रामलला और रामनगरी के साथ करोड़ों-करोड़ रामभक्तों को मुस्कुराने का मौका दिया।

अयोध्या आने वाले अधिवक्ताओं के दल में केशव परासरन सहित उनके अधिवक्ता पुत्र मोहन एवं सतीश पाराशरन, वैद्यनाथन, उनके पुत्र हरीश वैद्यनाथन, पीवी योगश्वरन, स्वरूपमा चतुर्वेदी, विक्रम बनर्जी, श्रीधरन, डी. भरतकुमार, भक्तिवर्धन आदि रहे। अधिवक्ताओं ने रामलला का पूरी श्रद्धा से दर्शन भी किया। इससे पूर्व उन्होंने पुण्यसलिला सरयू में डुबकी लगाई और तीसरे पहर विहिप, संतों तथा रामनगरी की ओर से सम्मान स्वीकार किया। विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेशचंद ने अधिवक्ताओं को सम्मान स्वरूप उत्तरीय, मिष्ठान के साथ रामजन्मभूमि न्यास की ओर से प्रस्तावित रामलला मंदिर के मॉडल का छाया चित्र प्रदान किया। इस मौके पर रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, आचार्य पीठ दशरथमहल के महंत ङ्क्षबदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य, रामलला के सखा त्रिलोकीनाथ पांडेय, पूर्व सांसद विनय कटियार, मौजूदा इलाकाई सांसद लल्लू सिंह, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव एवं गोरखनाथ बाबा मौजूद रहे।  


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