कैबिनेट विस्तार से हरियाणा की सियासत गर्माई, निर्दलीय विधायकों ने बैठक कर बढ़ाया दबाव
हरियाणा की भाजपा-जेजेपी सरकार के विस्तार की गतिविधियां तेज हो गई हैं। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सीएम मनोहरलाल से चर्चा के बाद कहा कि 48 घंटे में कैबिनेट विस्तार हाेगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा की भाजपा-जेजेपी सरकार के विस्तार से पहले राज्य की सियासत गर्मा गई है। कैबिनेट विस्तार की हलचल के बाद पांच निर्दलीय विधायकों ने बैठक कर भाजपा पर दबाव बढ़ा दिया है। असज सुबह मुख्यमंत्री मनोहरलाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कैबिनेट के विस्तार को लेकर मंत्रणा की थी। इसके बाद दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि कैबिनेट का विस्तार 48 घंटों में हो जाएगा। इसके बाद निर्दलीय विधायक सक्रिय हुए।
सीएम मनोहरलाल व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की, विभागों पर भी फैसला
आज सुबह शुरू हुई हलचल से लगा कि राज्य में बुधवार या बृहस्पतिवार तक कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। दोनों के बीच कई घंटे तक चर्चा हुई। बैठक के बाद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार अगले 48 घंटे में हो जाएगा।
पांच निर्दलीय विधायकों की दबाव की राजनीति, नई दिल्ली में बैठक कर रणनीति बनाई
मुख्यमंत्री मनोहरलाल के साथ बैठक खत्म होने के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सीएम के साथ मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा हुई है। मंत्रिमंडल का विस्तार अगले 48 घंटे में होगा। मुख्यमंत्री के साथ नए मंत्रियाें के विभागों के आवंटन को लेकर भी चर्चा हुई है। उन्हाेंने कहा कि जेजेपी से कितने मंत्री बनेंगे और दो बनेंगे या ढाई बनेंगे, यह सब हमारा अंदरूनी मामला है। उन्होंने कहा कि कितने निर्दलीय मंत्री बनेंगे ये दोनों दल मिलकर तय करेंगे।
इसके साथ ही यह भी संकेत मिले कि भाजपा और जेजेपी के कोटे से मंत्री बनाए जाने के साथ ही निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला को मंत्री बनाया जा सकता है। इसके बाद पांच निर्दलीय विधायक भी सक्रिय हो गए और मंत्री पद के लिए दबाव की राजनीति शुरू की। इन निर्दलीय विधायकों का नेतृत्व महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू कर रहे हैं। इन विधायकों में नयनपाल रावत, बलराज कुंडू, रणधीर गोलन, धर्मपाल गोंदर और सोमवीर सांगवान शामिल हैं। इन विधायकों ने नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में बैठक की और आगे की रणनीति तैयार कीी।
इन विधायकों का कहना है कि हमने बिना शर्त भारतीय जनता पार्टी सरकार को समर्थन दिया है। लेकिन, आज की बैठक को मंत्री पद के लिए दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा है। बताया जाता है कि आज की यह बैठक इसलिए की जा रही है कि यदि सिर्फ रणजीत सिंह को मंत्री बनाया गया तो ये विधायक सरकार के ख़िलाफ़ बिगुल बजा देंगे।
दूसरी ओर, बताया जाता है कि हरियाणा की भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार का नया मंत्रिमंडल छोटा होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली कैबिनेट में पहले चरण में छह से सात मंत्री बनाए जा सकते हैैं। चार मंत्री भाजपा कोटे के, दो जेजेपी और एक मंत्री निर्दलीय विधायकों में से बन सकते हैैं।
खर्च बचाने को छोटी होगी मनोहर-दुष्यंत की नई कैबिनेट
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बीच मंत्रिमंडल का आकार छोटा रखने पर काफी हद तक सहमति हो चुकी है। दुष्यंत चौटाला मुख्यमंत्री मनोहर लाल के गुड गवर्नेंस (सुशासन) के फार्मूले से सहमत हैैं और बड़ा मंत्रिमंडल बनाकर राज्य का खर्च बढ़ाने के हक में कतई नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया है कि मंत्रियों की संख्या अधिक रखने की बजाय काम करने वाले विधायकों को कैबिनेट में मौका दिया जाना चाहिए, ताकि पूरे प्रदेश में अच्छा संदेश जाए।
90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री समेत कुल 14 मंत्री बनाए जा सकते हैैं। मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला के अलावा नई कैबिनेट में 12 मंत्री बनाने की गुंजाइश है। विधायकों को एडजेस्ट करने के लिए सरकार ने पिछली बार कुछ विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव भी नियुक्त किया था, लेकिन इस बार सरकार शुरू से ही छोटा मंत्रिमंडल लेकर चलेगी।
भाजपा हाईकमान ने भी छोटा मंत्रिमंडल रखने के मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे जहां राज्य का खर्च बचेगा, वहीं ज्यादा से ज्यादा विधायकों को मंत्री बनाने का सरकार पर दबाव नहीं रहेगा। मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला में इस बात की भी सहमति हो चुकी है कि जरूरत के हिसाब से भविष्य में दो बार मंत्रिमंडल विस्तार किए जा सकते हैैं, लेकिन फिलहाल बड़े मंत्रिमंडल की जरूरत नहीं है।
दो बार रहेगी मंत्रिमंडल विस्तार की गुंजाइश
हरियाणा की गठबंधन सरकार में नियुक्त होने वाले मंत्रियों की परफारमेंस पर हाईकमान की निगाह रहेगी। खुद मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला को बेहतरीन रिजल्ट नहीं देने वाले मंत्रियों को हटाने में कोई गुरेज नहीं रहेगा। भविष्य में दो बार मंत्रिमंडल विस्तार की गुंजाइश रखी गई है, जिसमें नए विधायकों को मौका मिल सकता है।
निर्दलीय विधायकों को लिया जा रहा भरोसे में
हरियाणा में इस बार सात निर्दलीय विधायक चुनकर आए हैैं। इनमें से सिर्फ एक विधायक को नई कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और डिप्टी सीएम निर्दलीय विधायकों को भरोसे में ले रहे हैैं। बाकी विधायकों को बोर्ड एवं निगमों का चेयरमैन नियुक्त किया जा सकता है। जिस निर्दलीय विधायक की मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, उसमें जातीय समीकरण भी काम आएगा।
उम्रदराज विधायकों को करना पड़ सकता है इंतजार
हरियाणा सरकार के नए मंत्रिमंडल के गठन में यदि काम करने वाले ऊर्जावान विधायकों को पैमाना बनाया गया तो जातीय संतुलन को नजर अंदाज किया जा सकता है। सरकार की कोशिश जातीय संतुलन साधते हुए ऐसे विधायकों को कैबिनेट में शामिल करने की है, जो नतीजे दे सकने की स्थिति में होंगे। इस पैमाने के आधार पर उम्रदराज विधायकों का पत्ता कट सकता है।