Move to Jagran APP

Jammu : अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर कार्रवाई का इंतजार

जम्मू संभाग में इस समय सिर्फ मनोरोग अस्पताल जम्मू और पुलिस लाइन जम्मू में ही सरकारी नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं लेकिन इन केंद्रों में भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। मनोरोग अस्पताल के नशामुक्ति केंद्र में भी स्टाफ की कमी है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 08:36 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 08:36 PM (IST)
Jammu : अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर कार्रवाई का इंतजार
सरकारी स्तर पर नशा मुक्ति केंद्र न होने के कारण यहां पर निजी नशा मुक्ति केंद्रों का धंधा फलफूल रहा

जम्मू, रोहित जंडियाल : जम्मू-कश्मीर में सरकारी स्तर पर नशा मुक्ति केंद्र न होने के कारण यहां पर निजी नशा मुक्ति केंद्रों का धंधा फलफूल रहा है। विजयपुर में गैर कानूनी रूप से चल रहे नशामुक्ति केंद्र में हुए हादसे के तीन दिन बाद भी प्रशासन ने अवैध रूप से चल रहे अन्य नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की। अभी पुलिस या फिर समाज कल्याण विभाग का निकट भविष्य में भी कार्रवाई करने की कोई योजना नजर नहीं आ रही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि यह सभी को यह पता है कि यहां पर अवैध रूप से कई नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं।

loksabha election banner

जम्मू संभाग में इस समय सिर्फ मनोरोग अस्पताल जम्मू और पुलिस लाइन जम्मू में ही सरकारी नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं, लेकिन इन केंद्रों में भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। मनोरोग अस्पताल के नशामुक्ति केंद्र में भी स्टाफ की कमी है। इसे अपग्रेड करने के लिए प्रोजेक्ट तो कई बार बने, लेकिन सुविधाओं का विस्तार नहीं हो पाया। जब लोग इस केंद्र में जाते हैं तो वहां पर सुविधाओं का अभाव देखकर निजी संस्थाओं द्वारा चलाए जाने वाले नशामुक्ति केंद्रों में चले जाते हैं। इसी का लाभ निजी नशा मुक्ति केंद्र वाले उठाते हैं। इस कारण यहां पर पिछले एक दशक में कई संस्थाओं ने नशामुक्ति केंद्र खोल दिए, लेकिन किसी ने भी इसे समाज कल्याण विभाग के साथ पंजीकृत करवाना उचित नहीं समझा।

जम्मू संभाग में वर्ष 1991 में पुरखु में खुला मश्विरा नशा केंद्र ही समाज कल्याण विभाग जम्मू के साथ पंजीकृत है। यह केंद्र सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्रालय के एक प्रोजेक्ट के तहत चल रहा है। अन्य कोई भी नशा मुक्ति केंद्र समाज कल्याण विभाग से पंजीकृत नहीं है। हैरानगी की बात यह है कि किसी ने भी बिना पंजीकरण के चल रहे इन नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण करने की भी जहमत नहीं की। यह नशा मुक्ति केंद्र नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए चलते रहे। अभी भी स्थिति पहले की तरह ही है। नशामुक्ति केंद्र बिना पंजीकरण के ही चल रहे हैं। यह बात समताज कल्याण विभाग की निदेशक स्मिता सेठी भी मानती हैं।

उनका कहना है कि उनके पास सिर्फ एक ही केंद्र का पंजीकरण हुआ है। अन्य केंद्रों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि इन केंद्रों का निरीक्षण पुलिस को करना चाहिए। उनका विभाग उसी समय केंद्रों का निरीक्षण करता है जब उनके पास कोई पंजीकरण के लिए आवेदन करता है। वे सुविधाएं देखकर उनका पंजीकरण करते हैं। पंजीकृत केंद्रों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। समाज कल्याण विभाग के अलवा सामाजिक न्याय मंत्रालय की टीमें भी इनका निरीक्षण करती हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर में एक सच यह भी है कि पुलिस ने भी कभी किसी नशामुक्ति केंद्र की जांच नहीं की। हर किसी का यह तर्क होता है कि उनके पास कोई शिकायत नहीं आई, लेकिन अगर काई शिकायत नहीं आएगी तो अवैध रूप से धंधा इसी तरह से चलता रहेगा।

लगातार बढ़ रही है नशे की समस्या : जम्मू-कश्मीर में नशे की समस्या लगातार बढ़ रही है। सामाजिक न्याय मंत्रालय की रिपोर्ट में नशे को लेकर जम्मू कश्मीर की स्थिति भी चिंताजनक बताई गई थी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉ. अतुल अंबेकर की देखरेख में हुए इस सर्वे में जम्मू कश्मीर में इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वालों की संख्या देश में 12वें स्थान पर बताई गई। जम्मू-कश्मीर में कुल 25 हजार लोग इंजेक्शन के जरिये नशा ले रहे हैं। सर्वे के अनुसार जम्मू कश्मीर में 25,098 लोग इंजेक्शन से नशा करते हैं। 0.01 प्रतिशत लोग कोकीन का नशा करते हैं। सर्वेक्षण के अनुसार ओपियाड अर्थात नशीले पदाथों का सेवन करने वालों की संख्या जम्मू कश्मीर में 4.91 प्रतिशत है। सर्वे के अनुसार जम्मू कश्मीर में भांग से नशा करने वाले लोग 1.31 प्रतिशत हैं।

सुविधाओं का अभाव : मनाेरोग अस्पताल जम्मू के पूर्व एचओडी डा. जगदीश थापा का कहना है कि एक नशामुक्ति केंद्र में सभी सुविधाएं होनी चाहिए। वहां पर काउंसलर होने चाहिए। डाक्टर होने चाहिए, लेकिन सुविधाओं का अभाव अक्सर देखने को मिलता है। बिना पंजीकरण के तो नशामुक्ति केंद्र ही नहीं चल सकता है। जिस प्रकार से जम्मू-कश्मीर में नशे की समज्ञस्या बढ़ी है, उसे देखते हुए यहां पर नशा मुक्ति केंद्र होने चाहिए लेकिन केंद्र खोलने का मकसद तभी पूरा हो सकता है जब सभी सुविधाएं हों।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.