ABVP की महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा- अधिवेशन में सबसे अंतिम पंक्ति में बैठकर नारा लगाने वाली को मिला मौका
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री बनने के बाद अधिवेशन को संबोधित करते हुए निधि त्रिपाठी ने कहा मैं संगठन के अधिवेशन में सबसे अंतिम पंक्ति में बैठकर नारे लगाती थी।
आगरा, जेएनएन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की महामंत्री निधि त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। का चुनाव हुआ। डॉ एस सुब्बैया दूसरी बार अध्यक्ष बने जबकि निधि त्रिपाठी को राष्ट्रीय महामंत्री घोषित किया गया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री बनने के बाद अधिवेशन को संबोधित करते हुए निधि त्रिपाठी ने कहा कि मैं संगठन के अधिवेशन में सबसे अंतिम पंक्ति में बैठकर नारे लगाती थी। आज आप सभी के सामने हूं। संगठन में मुझे देश का नेतृत्व करने का दायित्व दिया गया है। यह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय (एबीवीपी) में ही संभव है। मैं छात्राओं से कहना चाहूंगी कि नामुनकिन कुछ भी नहीं है, कोई भी चीज किसी भी किसी के लिए भी असंभव नहीं है। सतत प्रयास करते रहें। युवा पीढ़ी और छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने के साथ समाज और राष्ट्र की समस्याओं की तरफ ध्यान देना चाहिए। प्रतापगढ़ की रहने वालीं निधि त्रिपाठी जेएनयू की छात्रा हैं। वे यहांं से पीएचडी कर रही हैं।
अधिवेशन का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एल नरसिंह रेड्डी ने किया। अधिवेशन में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी पहुंचे।
अभाविप की कार्यसमिति की बैठक में गुरुवार सुबह राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर एस सुबैया ने कहा कि छात्र हित से जुड़े मुद्दों पर एबीवीपी को वामपंथियों के साथ आंदोलन करने में कोई गुरेज नहीं है लेकिन जब जेएनयू में भारत तेरे होंगे टुकड़े-टुकड़े के नारे लगते हैं तो यह चिंतनीय है। डा. सुबैया ने कहा कि आज एमएचआरडी के विरोध में दिल्ली मे एबीवीपी के प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी छात्र हित के लिए सतत आंदोलन कर रही है यह आंदोलन सरकार के विरोध में भी किए जा रहे हैं।