Hathras Case: आप नेता संजय सिंह की मांग- सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में हो CBI जांच
Hathras Case आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने हाथरस कांड पर उत्तर प्रदेश सरकार को आंड़े हाथों लेते हुए कहा कि वहां डीएम को इसलिए नहीं हटाया गया क्योंकि उसके पास सीएम के कई राज हैं।
लखनऊ, जेएनएन। आम आदमी पार्टी (आप) के यूपी प्रभारी व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने हाथरस कांड पर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वहां जिलाधिकारी को इसलिए नहीं हटाया गया क्योंकि उसके पास सीएम के कई राज हैं। अगर उसे हटाया गया तो वह राज खोल सकता है। इस प्रकरण में सबकुछ सरकार के निर्देश पर हुआ।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि उनके पास इसके सुबूत हैं कि किस तरह आरोपितों को बचाने के लिए ऊपर से जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए हाथरस के डीएम तक के फोन काल डिटेल सामने आने चाहिए। संजय सिंह शनिवार को सोनभद्र और मीरजापुर के दौरे पर थे। यहां पर उन्होंने कई प्रधान, पूर्व प्रधान व बीडीसी सहित कई लोगों को को पार्टी की सदस्यता दिलाई। उन्होंने कहा कि आप की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को बहू-बेटियों की कब्रगाह बना दिया है। पार्टी में शामिल हुए लोगों से उन्होंने अपील की कि कोविड-19 के दौरान पल्स आक्सीमीटर व अन्य मेडिकल उपकरण खरीदने में हुए घपले और कृषि विधेयक द्वारा किसानों को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखे जाने की बात वह जन-जन तक पहुंचाएं। आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि हाथरस मामले में एसआइटी की जांच रिपोर्ट में कुछ होने वाला नहीं है। पीडि़तों को न्याय नहीं मिल पाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की।
बता दें कि यूपी सरकार ने हाथरस कांड की सीबीआइ जांच कराने का बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रकरण की सीबीआइ जांच कराने की बात कही है, जिसके बाद गृह विभाग इसकी सिफारिश का पत्र केंद्र सरकार को भेजने की तैयारियों में जुट गया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी व डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने शनिवार को हाथरस में पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। वे कई जनप्रतिनिधियों से भी मिले और वरिष्ठ अधिकारियों से पूरे मामले से जुड़े सभी तथ्यों की विस्तार से जानकारी जुटाई। दोनों अधिकारियों ने वापस आकर शाम को मुख्यमंत्री को हाथरस में सामने आए सभी तथ्यों के बारे में बताया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रकरण की गहन समीक्षा कर सीबीआइ जांच कराने का फैसला लिया।