Move to Jagran APP

सरकारी स्कूलों के 70 लाख विद्यार्थी पहनेंगे खादी की यूनीफार्म, हथकरघा व वस्त्रोद्योग और खादी बोर्ड करेगा सप्लाई

उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे 1.80 करोड़ में से 70 लाख विद्यार्थियों को नए सत्र 2020 से खादी की बनी यूनीफार्म वितरित की जाएगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 10:25 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 10:33 AM (IST)
सरकारी स्कूलों के 70 लाख विद्यार्थी पहनेंगे खादी की यूनीफार्म, हथकरघा व वस्त्रोद्योग और खादी बोर्ड करेगा सप्लाई
सरकारी स्कूलों के 70 लाख विद्यार्थी पहनेंगे खादी की यूनीफार्म, हथकरघा व वस्त्रोद्योग और खादी बोर्ड करेगा सप्लाई

लखनऊ, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे 1.80 करोड़ में से 70 लाख विद्यार्थियों को नए सत्र 2020 से खादी की बनी यूनीफार्म वितरित की जाएगी। हथकरघा व वस्त्रोद्योग विभाग और खादी बोर्ड के माध्यम से इनकी स्कूलों में सप्लाई की जाएगी। खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश द्विवेदी ने इसे लेकर सोमवार को बैठक की। 15 जून तक हर हाल में यूनीफार्म तैयार कर ली जाएंगी। एक जुलाई से इसका वितरण शुरू होगा। वहीं अगले शैक्षिक सत्र 2021-22 से सभी विद्यार्थियों को खादी की बनी यूनीफार्म का वितरण होगा।

loksabha election banner

परिषदीय स्कूलों में खादी की बनी यूनीफार्म का वितरण होने से बुनकरों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और बिचौलियों द्वारा लिए जाने वाले कमीशन पर भी अंकुश लगेगा। खादी के वस्त्रों को बढ़ावा मिलेगा। मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि अभी चार जिलों के सात ब्लाक में खादी बोर्ड के माध्यम से यूनीफार्म का वितरण करवाया गया है। आगे चरणबद्ध ढंग से सभी विद्यार्थी खादी की बनी यूनीफार्म पहनेंगे। 15 फरवरी तक यूनीफार्म से संबंधित प्रस्तुतिकरण तैयार करने के निर्देश उन्होंने दिए। बैठक में प्रमुख सचिव (हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग) रमारमण, महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद भी मौजूद रहे।

प्राइमरी स्कूलों को चमकाने में मदद करेंगे एनआरआइ

सरकारी प्राइमरी स्कूलों को चमकाने में प्रवासी भारतीय (एनआरआइ) मदद करेंगे। वह स्कूलों को गोद लेंगे और वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे। ब्रिटिश काउंसिल द्वारा बीती 19 जनवरी से 24 जनवरी तक लंदन में आयोजित हुए एजूकेशन वल्र्ड फोरम में प्रतिभाग कर वापस लौटे बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने यह जानकारी दी। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि कई प्रवासी भारतीय अपने गांव के स्कूलों में बेहतर सुविधाएं देना चाहते हैं। कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत वह सरकारी स्कूलों को गोद लेंगे। वहीं माइक्रोसॉफ्ट व गूगल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां ई लर्निंग में मदद करेंगी।

2024 में पीसा से करवाएंगे मूल्यांकन

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट एसेसमेंट (पीसा) में वर्ष 2024 में भारत के साथ-साथ यूपी भी पूरे दमखम से हिस्सा लेगा। उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश में कक्षा पांच से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों का लर्निंग आउटकम टेस्ट के माध्यम से सीखने का स्तर आंका जाता है। इसकी फोरम में प्रसंशा की गई। वहीं यूपी के 1.59 लाख स्कूलों में पढ़ रहे 1.80 करोड़ विद्यार्थियों को निश्शुल्क शिक्षा के साथ किताबें, यूनीफार्म, बैग, स्वेटर व जूते इत्यादि भी मुफ्त दिए जाने की जानकारी वहां दी गई। इसके अलावा 15 हजार इंग्लिश मीडियम स्कूल व उसमें स्मार्ट क्लास की सुविधा चरणबद्ध ढंग से दी जाएगी। फोरम में इस बात पर चिंता जताई गई कि पूरे विश्व में निम्न व मध्यम वर्गीय परिवारों के दस वर्ष के 53 फीसद बच्चों को अक्षर ज्ञान नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.