अहमदाबाद: बीते दो साल में पुलिस हिरासत में 28 लोगों की हुई मौत
गुजरात सरकार ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि अहमदाबाद शहर और जिले में बीते दो साल में 28 मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें पुलिस हिरासत में लोगों ने दम तोड़ दिया।
गांधीनगर, पीटीआइ। उत्तर प्रदेश में इन दिनों अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने सख्त रुख अख्तियार कर रखा है। कई ईनामी बदमाश पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा भाजपा शासित प्रदेश नहीं है, जहां अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है। गुजरात में भी अपराधियों के साथ पुलिस सख्ती से पेश आ रही है। शायद इसी का नतीजा है कि पुलिस हिरासत में 28 लोग दम तोड़ चुके हैं। हालांकि इन मौतों को लेकर गुजरात पुलिस पर भी अंगुली उठती रही है और कई पुलिसवालों को इन मामलों में सजा भी हो चुकी है।
गुजरात सरकार ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि अहमदाबाद शहर और जिले में बीते दो साल में 28 मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें पुलिस हिरासत में लोगों ने दम तोड़ दिया। बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला के सवाल पर लिखित जवाब में गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने कहा कि पिछले दो सालों के दौरान अहमदाबाद जिले और शहर में पुलिस की हिरासत में 28 मौतें हुईं।
हिरासत में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में एक उप-प्रश्न का जवाब देते हुए जडेजा ने कहा कि दो पुलिस निरीक्षकों में से जो जिम्मेदार पाए गए, उनमें से एक को 'सजा' दे दी गई है, जबकि दूसरे के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। इसी तरह, अन्य मामलों में एक उप-निरीक्षक और एक हेड कांस्टेबल को सजा दी गई है, जबकि दो हेड कांस्टेबल के खिलाफ विभागीय जाच चल रही है।