11th Defence Expo : 50 हजार करोड़ के 23 एमओयू, तीन लाख युवाओं को मिलेगा रोजगार
11th Defence Expo एक्सपो परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आयुध निर्माणी बोर्ड की अंतरराष्ट्रीय मानकों की सारंग तोप सेना को सौंपेंगे।
लखनऊ, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं के साथ देश को रक्षा उत्पादन, शोध और उसके विकास के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जो प्रयास प्रारंभ हुआ है, उसकी श्रृखंला के क्रम में डिफेंस एक्सपो का सफल आयोजन आज अपनी नई ऊंंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। यह बातें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डिफेंस एक्सपो में कहीं। उन्होंने बताया कि आज यहां पर विभिन्न प्रकार के एमओयू कार्यक्रम रक्षा मंत्री के सामने पूरा हुआ है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, यूपी देश के अंदर निवेश का सबसे बेहतर डेस्टिनेशन बना है। आज यूपी के साथ UPEDA के माध्यम से 50 हजार करोड़ के 23 एमओयू साइन हुए है। ये एमओयू डिफेंस कॉरिडोर के लिए हुये है, जो बुंदेलखंड की तस्वीर बदल देगा। कहा, मुझे प्रसन्नता है कि रक्षा मंत्रालय ने अब तक इस प्रकार के एमओयू को बंधन के रूप में एक नया नामकरण देकर इसके साथ भावनात्मक संबंध जोड़ा है। इसके लिए मैं सबका ह्रदय से स्वागत करता हूं। मुझे प्रसन्नता है कि डिफेंस एक्सपो का यह आयोजन करने का अवसर हमारी सरकार को प्राप्त हुआ। उत्तर प्रदेश ने इसमें सहभागी बन के प्रदेश की संभावनाओं को देश और दुनिया के सामने रखने का एक प्रयास किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले ढाई वर्ष के दौरान हमारी सरकार प्रदेश के अंदर ढाई लाख करोड़ से ऊपर का निवेश कराने में सफल हुई है। जिसके माध्यम से 33 लाख से अधिक लोगों को सीधे-सीधे नौकरी और रोजगार से जोड़ने में हमें मदद मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर के 6 नोड्स में से अलीगढ़ और झांसी का हमारा लैंड बैंक बुक हो चुका है। अब चार नोड्स में हमारे पास जमीनें है। हम लोग पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक क्लस्टर बनाएंगे। मुख्यमंत्री योगी ने सभी उद्यमियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनका निवेश सुरक्षित रहेगा और उत्तर प्रदेश रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ेगा।
रोजगार की बढ़ेगी संभावना
सीएम ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2018 में उत्तर प्रदेश में एक डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा की थी। इस क्रम में हमने पिछले दो साल में रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर डिफेंस कॉरिडोर से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यकम करने का प्रयास किया था। प्रदेश में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में लघु और सूक्ष्म इकाइयां स्थापित करने का प्रयत्न किया। सीएम ने बताया कि 23 एमओयू हुए है, जिनके माध्यम से 50 हजार करोड़ रुपये के दस्तावेज पर हस्ताक्षर हुए है। इसके साथ ही प्रदेश में ढाई से तीन लाख नौजवानों को रोजगार की संभावना भी बढ़ेगी।
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के साथ 23 एमओयू साइन करने वाले सभी उद्यमियों को उनका निवेश न केवल भारत के रक्षा अनुसंधान और उद्योग को आगे बढ़ाने में सहायता देगा बल्कि प्रदेश के विकास में भी एक बड़ा योगदान देगा। उन्होंने कहा कि यहां कुल 71 एमओयू, 30 प्रोडक्ट लॉन्च और 6 बड़ी घोषणाएं हुई हैं। आज यहां सौ से भी अधिक नए 'बंधन' हुए हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स, फॉरेन इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स और अन्य प्राइवेट कम्पनीज के साथ इस डिफेंस एक्स्पो के दौरान कुल एग्रीमेंट की संख्या 200 के पार चली गई है। यहां एक इतिहास रचा गया है। आज यहां स्वदेशी रूप से विकसित प्रोडक्ट्स को लॉन्च किया गया है। जिनमें आर्टिलरी गंस, हेलीकॉप्टर, बुलेट प्रूफ जैकेट और ऐंटी टैंक मिसाइल हैं। यह रक्षा उत्पादन क्षेत्र में हमारी बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है
उत्तर प्रदेश व डीआरडीओ के बीच एमओयू
उत्तर प्रदेश व डीआरडीओ के बीच एमओयू साइन हुआ है। उत्तर प्रदेश और डीआरडीओ के बीच इनके निर्मित मैन माउंटेड कूलिंग सिस्टम, ऑप्टिकल टारगेट लोकेटर 600, हाई पावर एलआइ इयान बैटरी तथा कॉम्बैट फ्री फॉल सिस्टम के लिए करार हुआ है। बंधन कार्यक्रम के तहत इंटीग्रेटेड बॉडी आरमोर को भी क्लीयरेंस मिला है। डिफेंस एक्सपो में तीसरे दिन थर्ड जनरेशन अमोघ 3 एन्टी टैंक गाइडेड मिसाइल को लॉन्च किया गया है। जिसकी मारक क्षमता 200 मीटर से 2.5 किलोमीटर है।
पानी में बारूदी सुरंगे बिछाने में मदद करेगी पी 75 आई
पी 75आई स्कॉर्पियन क्लास अटैक सबमरीन यानी पनडुब्बियां हैं। इसके वर्ष 2022 तक तैयार होने उम्मीद है। पनडुब्बियां हवाई सर्विलांस, इंटेलीजेंस, एंटी सबमरीन वारफेयर, पानी में बारूदी सुरंगे बिछाने में मदद करती हैं। इस पर रडार, टारपीडो सहित एंटी शिप मिसाइल भी तैनात रहती है। गोवा शिपयार्ड की ओर से पांच से ज्यादा करार होंगे। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (बीईएल), एलएएल, आयुध निर्माण फैक्ट्री, भारत डायनेमिक्स लि., हिंदुस्तान शिपयार्ड लि. भी एमओयू की तैयारी में है।
इनके साथ क्रेसनी डिफेंस के साथ शिप उपकरणों को लेकर करार होगा। पीटीसी इंडस्ट्रीज के साथ शिप में इस्तेमाल होने वाले वॉल्व, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) लखनऊ व गिब्स कॉक्स से कंसल्टेंसी और श्री रिफ्रेजरेशन से चिलर्स के लिए भी एमओयू होंगे।
रूस के साथ 14 एमओयू
वृंदावन एक्सपो स्थल पर पांचवें भारत रूस मिलिट्री इंडस्ट्रीयल कॉन्फ्रेंस के दौरान गुरुवार को 14 एमओयू हुए। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इंटर गवर्नमेंट एग्रीमेंट के तहत भारत में ही रक्षा निर्माण से जुड़े पार्ट्स को बनाने का प्रपोजल आया। इसे भारतीय नौसेना को हैंडओवर किया गया। एमओयू में स्पेयर पार्ट्स बनाने के कॉन्ट्रैक्ट शामिल हैं।
झांसी में डिफेंस पार्क, एयरक्राफ्ट यूनिट लगाएगी यूक्रेन की कंपनी
यूक्रेन, अमेरिका और भारतीय कंपनियों ने प्रदेश में विकसित किए जा रहे डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर में निवेश की इच्छा जतायी है। यूक्रेन, यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआइबीसी) और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआइडीएम) के प्रतिनिधिमंडलों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर डिफेंस कॉरिडोर में निवेश की पेशकश की।
डिफेंस एक्सपो में स्थापित यूपी पैवेलियन में हुई मुलाकात के दौरान यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कर रहे वहां के राजदूत डॉ. इगोर ने कहा कि उनका देश उप्र के साथ सफल साझेदारी चाहता है। विमानन क्षेत्र की यूक्रेन की कंपनी तितान एविएशन एंड एयरोस्पेस लिमिटेड के निदेशक के. गिरि कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी कंपनी डिफेंस कॉरिडोर के तहत झांसी नोड में निवेश की इच्छुक है। वह झांसी में हवाई जहाजों और उनके पुर्जों के निर्माण की इकाई स्थापित करना चाहती है जिसे दो साल के अंदर चालू करने का इरादा है। कंपनी झांसी में ही डिफेंस पार्क भी स्थापित करने की इच्छुक है। इस पार्क में हेलिकॉप्टर और इससे जुड़े पुर्जों के निर्माण की इकाइयां स्थापित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने यूक्रेन की कंपनी को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
वहीं, यूएसआइबीसी के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई मुलाकात में मुख्यमंत्री ने अमेरिकी कंपनियों को प्रदेश में रक्षा क्षेत्र के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में भी निवेश के लिए आमंत्रित किया। यूएसआइबीसी की प्रेसिडेंट निशा बिस्वाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि अमेरिका के उद्योगपति भारत में सप्लाई चेन की स्थापना के लिए कार्य करना चाहते हैं। डिफेंस सप्लाई चेन में उत्तर प्रदेश बहुत कुछ ऑफर कर सकता है। यूएसआइबीसी प्रतिनिधिमंडल के एक अन्य सदस्य ने अपनी कंपनी जैकब्स इंजीनियरिंग द्वारा डिफेंस कॉरिडोर में निवेश में रुचि दिखायी। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र में निवेश पूरी तरह सुरक्षित और फायदेमंद सौदा है। राज्य सरकार निवेशकों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
एक अन्य बैठक में एसआइडीएम के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट कर प्रदेश के डिफेंस कॉरिडोर में निवेश की इच्छा जतायी। एसआइडीएम नॉलेज पार्टनर के रूप में यूपीडा से जुड़ा है।