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#JagranForum: पीएम बोले- विकास की नई पंचधारा-पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई व सुनवाई

अगले साल के चुनावी महाभारत को लेकर जहां राजनीतिक घमासान तेज है और सरकार पर विपक्ष हमलावर है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 07:19 AM (IST)Updated: Sat, 08 Dec 2018 07:19 AM (IST)
#JagranForum: पीएम बोले- विकास की नई पंचधारा-पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई व सुनवाई
#JagranForum: पीएम बोले- विकास की नई पंचधारा-पढ़ाई, कमाई, दवाई, सिंचाई व सुनवाई

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले साल के चुनावी महाभारत को लेकर जहां राजनीतिक घमासान तेज है और सरकार पर विपक्ष हमलावर है, वहीं प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने आंकड़ों के साथ घोषणा कर दी है कि अब देश अगले युग में प्रवेश के लिए तैयार है। इसके लिए सरकार ने विकास की पंचधारा के रूप में बच्चों की पढ़ाई, युवाओं की कमाई, मरीजों की दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई को सूत्रवाक्य बनाया है। प्रधानमंत्री दैनिक जागरण की हीरक जयंती पर शुक्रवार को आयोजित जागरण फोरम का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘60 साल में बड़े-बड़े लोग सत्ता में आए, बड़े-बड़े सरनेम वाले भी सत्ता में आए लेकिन भारत की स्थिति नहीं बदली। चार साल में देश बदलने लगा है और अब छलांग की तैयारी है।’

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दिल्ली के ताज पैलेस में ‘युवा उम्मीदों का भारत’ विषय पर आयोजित जागरण फोरम में प्रधानमंत्री पूरी रौ में थे। लगभग 35 मिनट के भाषण में सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए उन्होंने विपक्ष और खासकर कांग्रेस को कठघरे में किया। जागरण फोरम के जरिये ही उन्होंने कहा कि देश को यह जरूर विचार करना चाहिए कि सभी संसाधनों के बावजूद भारत तेजी से क्यों नहीं बढ़ सका? आखिर कौन था जो गति को रोक रहा था? उन्होंने तंज किया कि गरीबी पहले भी खत्म हो सकती थी अगर उन्हें मूलभूत सुविधाएं दी जातीं, लेकिन अगर गरीबी खत्म हो जाती तो फिर गरीबी हटाओ के नारे कैसे लगाते।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी सोच के कारण भारत पिछड़ गया। लेकिन अब नहीं। उन्होंने कहा कि अब जनता, सरोकार और सरकार का समन्वय है। सरकार हर स्तर पर विकास के लिए कृतसंकल्प है। इसी नाते गैस कनेक्शन, बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य से जुड़ी प्रभावी योजनाओं को जनता ने अपनी योजना की तरह हाथों हाथ लिया है। जमीन पर दृश्य बदल रहे हैं। जो काम 60 साल में नहीं हो सका था, वह चार साल में परवान चढ़ा है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे और साधन से विपन्न देश भी आगे बढ़ गए, लेकिन भारत पीछे छूट गया तो उसके लिए सिर्फ पिछली कुछ सरकारों की सोच और कार्यसंस्कृति जिम्मेदार है।

जीवन स्तर बदलने वाली योजनाओं पर जोर

न्यू इंडिया के निर्माण के लिए सरकार का फोकस सामथ्र्य, संसाधन, संस्कार, परंपरा, संस्कृति और सुरक्षा पर है। ध्यान रहे कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की पंचधारा को ईज ऑफ लिविंग को ही बड़ा मंत्र बनाने का संकेत माना जा सकता है। शायद इसीलिए पूरे भाषण में उन्होंने उन सारी योजनाओं पर ही ध्यान केंद्रित रखा जो जीवन स्तर को बदलती हो। इसी क्रम में उहोंने बैंकिंग और पासपोर्ट सेवा में हुए सुधार का भी उल्लेख किया।

परोक्ष रूप से प्रधानमंत्री ने यह संदेश भी दे दिया कि जनमत देश निर्माण में भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा- ‘सरकार बड़े और कड़े फैसले ले पा रही है तो कारण यह है कि सरकार मजबूत है, बहुमत की सरकार है। संकेत साफ था कि जनता को खुद का और देश का भविष्य बनाना है, तो उसे पहले चुनाव में अपनी सरकार चुनने की भूमिका निभानी होगी।

आर्थिक भगोड़ों को कहीं ठिकाना न मिले

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों को विदेशों में कहीं सुरक्षित पनाहगाह न मिले। उन्होंने कहा, ‘भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष कुछ सुझाव रखे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो लोग आर्थिक अपराध करते हैं, जो भगोड़े हैं, उन्हें दुनिया में कहीं भी सुरक्षित पनाहगाह न मिले। मुङो उम्मीद है कि हमारे अभियान के परिणाम जल्द दिखेंगे। और, दो-तीन दिन पहले देश ने इसका उदाहरण देखा भी।’ प्रधानमंत्री का इशारा पिछले दिनों हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिया रहे क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण की ओर था। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में अर्जेटीना में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान उन्होंने मजबूत अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष भारत का पक्ष रखा है। यह सच है।


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