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Surgical Strike2 : 1999 में एयर इंडिया विमान हाईजैक में शामिल था यूसुफ अजहर

पाकिस्तान में बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के जिस ट्रेनिंग कैंप को भारतीय वायुसेना ने निशाना बनाया वह कैंप जैश सरगना अजहर मसूद का साला यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी चला रहा था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 08:50 PM (IST)Updated: Wed, 27 Feb 2019 01:12 AM (IST)
Surgical Strike2 : 1999 में एयर इंडिया विमान हाईजैक में शामिल था यूसुफ अजहर
Surgical Strike2 : 1999 में एयर इंडिया विमान हाईजैक में शामिल था यूसुफ अजहर

 राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पाकिस्तान में मंगलवार तड़के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के जिस ट्रेनिंग कैंप को भारतीय वायुसेना ने निशाना बनाया और सैकड़ों आतंकियों को मौत के घाट सुला दिया, वह कैंप जैश सरगना अजहर मसूद का साला यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी चला रहा था।

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माना जा रहा है कि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई में यूसुफ अजहर भी मारा गया। यह वही गौरी है, जिसने 1999 में अजहर मसूद को रिहा कराने के लिए इंडियर एयरलाइंस के विमान आइसी-814 को हाईजैक करने में अहम भूमिका निभाई थी।

युसुफ अजहर उर्फ सलीम उर्फ गौरी भी अजहर मसूद की तरह हरकत उल मुजाहिदीन का ही कैडर था। वह अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों का भी करीबी रहा है। उसके बारे मे कहा जाता है कि वह इलियास कश्मीरी और अल कायदा कमांडर ओसामा बिन लादेन के साथ भी सक्रिय रह चुका है।

वह बहावलपुर पाकिस्तान का ही रहने वाला माना जाता रहा है, लेकिन जैश से जुड़े पुराने आतंकियों की मानें तो वह कराची से संबध रखता है। करीब छह साल पहले जैश ने पाकिस्तान में जब दोबारा अपनी गतिविधियों को तेज किया तो अजहर मसूद ने उसे बालाकोट स्थित आतंकी कैंप की कमान सौंपी। हिज्ब का भी कैडर कई बार यहीं ट्रेनिंग के लिए आता था। बालाकोट कैंप करीब चार साल तक बंद रहा था और इसे गौरी ने ही कथित तौर पर दोबारा सक्रिय बनाया था।

लगभग 52 साल का यूसुफ आइईडी बनाने में एक्सपर्ट था। वह मजहबी वक्ता है। भारत सरकार के आग्रह पर इंटरपोल ने वर्ष 2000 में उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। भारत द्वारा पाकिस्तान को सौंपी गई 20 मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में भी इसका नाम था।

पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले के बाद एक बार फिर यूसुफ अजहर का नाम सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर आया था। अधिकारियों के मुताबिक लिथपोरा हमले को अंजाम देने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले दो जैश कमांडर कामरान व गाजी अब्दुल रशीद भी यूसुफ की कमान में बालाकोट कैंप में कुछ दिन रहे थे। युसुफ अजहर की दो बेटियां और तीन बेटे बताए जाते हैं। दावा किया जा रहा है कि इस हमले में उसकी बीवी और दो बच्चे भी मारे गए हैं।

आतंकी ट्रेनिंग का अड्डा बालाकोट
बालाकोट क्षेत्र से जैश-ए-मोहम्मद अपनी आतंकी गतिविधियों को संचालित करता था। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मनसेरा जिले में स्थित यह इलाका आठ अक्टूबर, 2005 को आए भीषण भूकंप में तबाह हो गया था।


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