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रामदेव बोले- हिंसा और देश को बांटने की बात कहना देशद्रोही कृत्य, जिम्मेदार लोगों को नहीं करना चाहिए ऐसा

योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि हिंसा करना देश को बांटने की बात कहना देशद्रोही कृत्य है। किसी भी जिम्मेदार नगारिक को ऐसा नहीं करना चाहिए।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 12:07 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 12:24 PM (IST)
रामदेव बोले- हिंसा और देश को बांटने की बात कहना देशद्रोही कृत्य, जिम्मेदार लोगों को नहीं करना चाहिए ऐसा
रामदेव बोले- हिंसा और देश को बांटने की बात कहना देशद्रोही कृत्य, जिम्मेदार लोगों को नहीं करना चाहिए ऐसा

नई दिल्ली, एएनआइ। नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा है कि हिंसा करना देश को बांटने की बात कहना देशद्रोही कृत्य है। किसी भी जिम्मेदार नगारिक को ऐसा नहीं करना चाहिए।

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बता दें किइस कानून में सताए जाने के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है। विपक्ष ने कानून को मुस्लिमों के खिलाफ बताया, वहीं सरकार ने कहा है कि इससे देश के किसी नागरिक को कोई दिक्कत नहीं होगी। यह कानून महज नागरिकता देने के लिए है। इसे वेक भम्र फैलाया जा रहा है। इसके बाद भी कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। 

शाहीन बाग नहीं गए रामदेव

गौरतलब है कि रामदेव ने नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन में जाने की इच्छा जताई थी। हालांकि, पुलिस से इजाजत न मिलने के बाद उन्होंने यहां जाने के बाद वे नहीं गए। दिल्ली पुलिस के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, रामदेव को सलाह दी गई कि वे यात्रा के लिए रवाना होने से पहले शाहीन बाग की स्थिति के बारे में पूछताछ करने के बाद धरना स्थल का दौरा न करें। सूत्रों ने कहा कि रामदेव ने पुलिस के सुझाव के अनुसार अपनी यात्रा रद कर दी।

जेएनयू और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों को राजनीति से दूर रहना चाहिए

इससे पहले रामदेव ने जेएनयू और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों को राजनीति से दूर रहने और विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने के बजाय अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि छात्रों के लिए हिंसा और अराजकता फैलाना और अभद्रता करना उचित नहीं है। 

छात्रों को 'राष्ट्र निर्माण' पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए

दिल्ली में एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए रामदेव ने कहा था कि पिछले कई महीनों से भारत को दुनिया में बदनाम किया जा रहा है। यहां हिंसा, गुस्सा, प्रदर्शन और अराजकता के अलावा कोई और काम नहीं चल रहा है। योग गुरु के अनुसार, छात्रों को 'राष्ट्र निर्माण' पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और हिंसा, अराजकता और विरोध का रास्ता छोड़ देना चाहिए।


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