Move to Jagran APP

कोरोना टीकों और दवाओं से जुड़े छूट प्रस्ताव पर जल्द फैसला ले डब्ल्यूटीओ : पीयूष गोयल

भारत ने विश्व व्यापार संगठन से कोरोना टीकों थेरप्यूटिक्स और दवाओं से जुड़े ट्रिप्स छूट प्रस्ताव पर शीघ्र फैसला लेने को कहा है। शुक्रवार को ब्रिक्स देशों के व्यापार और वाणिज्य मंत्रियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह बात कही।

By Avinash RaiEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 10:06 PM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 10:06 PM (IST)
कोरोना टीकों और दवाओं से जुड़े छूट प्रस्ताव पर जल्द फैसला ले डब्ल्यूटीओ : पीयूष गोयल
कोरोना टीकों और दवाओं से जुड़े छूट प्रस्ताव पर जल्द फैसला ले डब्ल्यूटीओ : गोयल

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से कोरोना टीकों, थेरप्यूटिक्स और दवाओं से जुड़े ट्रिप्स छूट प्रस्ताव पर शीघ्र फैसला लेने को कहा है। शुक्रवार को ब्रिक्स देशों के व्यापार और वाणिज्य मंत्रियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह बात कही। बैठक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के वाणिज्य मंत्री शामिल हुए थे।

loksabha election banner

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए स्थायी और न्यायसंगत समाधान की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इसके अलावा डाटा सुरक्षा और साइबर सिक्योरिटी की चुनौतियों का समाधान खोजते हुए नई तकनीकों को अपनाने का भी आह्वान किया। इसके अलावा मंत्री ने कहा है कि एक साथ मिलकर काम करने से ब्रिक्स देशों को बहुपक्षीय प्रणाली को मजबूत किया जा सकता हैं।

अक्टूबर 2020 में, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने कोविड -19 की रोकथाम, रोकथाम या उपचार के संबंध में ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों के कार्यान्वयन पर सभी विश्व व्यापार संगठन के सदस्यों के लिए छूट का सुझाव देते हुए पहला प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।

इसके बाद इसी वर्ष मई में भारत, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया समेत 62 देशों ने इस संबंध में एक संशोधित प्रस्ताव पेश किया था। दरअसल, जब से डब्ल्यूटीओ के तहत बौद्धिक संपदा के व्यापार संबंधी पहलुओं (ट्रिप्स) पर समझौते को अपनाया गया है, तब से विश्व भर में लोगों को दवाइयां सस्ती कीमतों पर ना मिल पाना एक चिंता का सबब बना हुआ है।

जनवरी, 1995 में बौद्धिक संपदा अधिकार से संबंधित व्यापार पहलुओं पर करार यानी ट्रिप्स लागू हुआ था। ट्रिप्स समझौता वह चार्टर है जो बौद्धिक संपदा अधिकारों (आइपीआर) को और मजबूती प्रदान करता है। पिछले 25 वर्षो में ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे जहां बौद्धिक संपदा धारकों ने अपने पेटेंट या ट्रेडमार्क अधिकार वाले औषधीय उत्पादों के लिए विकासशील और गरीब देशों से अधिक कीमत वसूल की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.