World Environment Day 2020: पीएम बोले- कल के लिए बेहतर ग्रह छोड़ेंगे, पढ़ें अन्य लीडर्स ने क्या कहा?
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सन 1972 में हुई।
नई दिल्ली, एजेंसियां। पर्यावरण की हिफाजत का संकल्प लेने को हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है। विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सन 1972 में हुई। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था। स्वीडन में 1972 में पहली बार पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें 119 देशों ने भाग लिया। इस दिवस का महत्व रखने के लिए भारत में भी लोगों ने आगे बढ़कर हिस्सा लिया है। वहीं, इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर, हम अपने ग्रह की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिज्ञा दोहराते हैं। आइए हम सामूहिक रूप से वनस्पतियों और जीवों को सुनिश्चित करने के लिए जो भी संभव हो, हम वो पृथ्वी से साझा करते हैं। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए और भी बेहतर ग्रह छोड़ सकते हैं।
-गृह मंत्री अमित शाह बोले- प्राचीन काल से, भारत में प्रकृति संरक्षण के बारे में समृद्ध परंपरा और गहन ज्ञान है। पर्यावरण की पूजा और संरक्षण के विभिन्न तरीके हमारी संस्कृति के लिए आंतरिक हैं। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर, आइए हम एक बेहतर कल के लिए अपने पर्यावरण को संरक्षित करने का संकल्प लें।
-दिल्ली: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने आज पौधारोपण किया।
दिल्ली: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने आज पौधारोपण किया। pic.twitter.com/mOImvTYx0G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 5, 2020
-केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, भारत दुनिया की 8% जैव विविधता का संरक्षण करने में सक्षम है। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। भारत की संस्कृति इस तरह की है कि पेड़ न कटें इसके लिए राजस्थान में 300 लोगों ने बलिदान दिया था। प्रकृति के साथ हमारा जीवन है। पेड़, प्राणी, जलचर, वनचर, पशु, पक्षी दुनिया की सब प्रजातियां हमारे जीवन का हिस्सा हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारे यहां ग्रामीण इलाकों में तो जंगल हैं लेकिन शहरी इलाकों में बहुत जंगल नहीं हैं। हमने आज अपने 200 निगम शहरों में 'शहरी वन कार्यक्रम (अर्बन फोरस्ट प्रोग्राम)' लॉन्च करने का फैसला किया है।