इस्लामाबाद में भारतीय राजदूत की जासूसी करने वाला ISI एजेंट कोर्ट में पलटा, केस पड़ा ठंडा
बीती 10 जुलाई को पुलिस ने रमेश सिंह को लखनऊ कोर्ट में पेश किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रमेश कोर्ट के सामने अपने बयान से पलट गया।
नई दिल्ली, एजेंसी। पाकिस्तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आइएसआइ के कथित एजेंट रमेश सिंह अपने बयान से पलट गया है। रमेश सिंह ने पहले माना था कि उसने आइएसआइ को भारतीय उच्चायोग के अधिकारी से जुड़ी खुफिया जानकारी साझा की थी। लेकिन कोर्ट में वह अपने बयान से मुकर गया। ऐसे में मामला ठंडा पड़ता नजर आ रहा है।
रमेश पाकिस्तान में भारतीय दूतावास में नियुक्त एक अधिकारी के साथ घरेलू कार्य के लिए इस्लामाबाद गया था। साल 2015 से 2017 के बीच उसने वहां अधिकारी के साथ 2 साल से ज्यादा वक्त बिताया। इस दौरान वह आइएसआइ के लिए अधिकारी की जासूसी करता रहा। रमेश जब भी भारत आता था, तो डॉलर के रूप में बड़ी रकम लेकर आता था। भारत आने पर वह दिल्ली में बैंकों से डॉलर को रुपए में बदलता था। यूपी एटीएस ने रमेश को 2017 में गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने बताया था कि रमेश आइएसआइ को अधिकारी का लैपटॉप और टैबलेट देता था।
पुलिस का कहना है कि भारतीय राजदूत जब घर में नहीं होते थे, तब रमेश सिंह उनका लैपटॉप और टैबलेट घर के बाहर कार में बैठे एक शख्स के पास ले जाता था। ऐसा उसने तीन-चार बार किया। कार में बैठा शख्स आइएसआइ का एजेंट होता था। इसके बदले रमेश को पैसे और अश्लील वीडियो क्लिप मिलती थी। दरअसल, रमेश अश्लील वीडियो क्लिप देखने और वेश्याओं के पास जाने का शौकीन था। इसी बुरी आदत का फायदा आइएसआइए ने रमेश को फंसाने के लिए उठाया। उन्होंने रमेश को धमकी दी कि अगर वह जासूसी नहीं करेगा, तो उसकी सारी हरकतों के बारे में भारतीय उच्चायोग को बता दिया जाएगा। इस तरह आइएसआइ ने रमेश सिंह को ब्लैकमेल किया।
बीती 10 जुलाई को पुलिस ने रमेश सिंह को लखनऊ कोर्ट में पेश किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रमेश कोर्ट के सामने अपने बयान से पलट गया। ऐसे में आइएसआइ के इस षड़यंत्र का खुलासा करने में काफी परेशानी हो रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि रमेश उत्तराखंड का रहने वाला है, वहां उसके घर से एक पाकिस्तान नंबर का मोबाइल बरामद किया गया। इस मोबाइल से जानकारी निकालने की कोशिश की जा रही है।