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संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक होगा: सूत्र

कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया गया था। महामारी के कारण बजट और मानसून सत्र में भी कटौती हुई। कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन सूत्रों की रिपोर्ट के अनुसार सत्र 29 नवंबर से शुरू हो सकता है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 02:50 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 02:50 PM (IST)
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक होगा: सूत्र
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक होगा: सूत्र

नई दिल्ली, एजेंसी। संसद का शीतकालीन सत्र अगले महीने के अंत में शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक चलेगा। समाचार एजेंसी पीटीआई ने पहले जानकारी देते हुए बताया था कि संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर के चौथे सप्ताह से शुरू होने की संभावना है और इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जाएगा। बताया गया कि सत्र क्रिसमस से पहले समाप्त हो जाएगा और इस दौरान लगभग 20 सत्र आयोजित होने की संभावना है।

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कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में संसद का शीतकालीन सत्र आयोजित नहीं किया गया था। महामारी के कारण बजट और मानसून सत्र में भी कटौती हुई। कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन सूत्रों की रिपोर्ट के अनुसार, सत्र 29 नवंबर से शुरू हो सकता है और 23 दिसंबर के आसपास समाप्त हो सकता है।

राज्यसभा और लोकसभा सत्र एक साथ आयोजित किए जाएंगे लेकिन सदस्यों को शारीरिक दूरी के मानदंडों का पालन करना होगा। पहले कुछ सत्र अलग-अलग समय पर आयोजित किए जा सकते हैं, ताकि संसद परिसर में ज्यादा लोगों की आवाजाही ना हो सके। शीतकालीन सत्र के दौरान सांसदों को हर समय मास्क पहनना आवश्यक होगा और उन्हें कोविड -19 परीक्षण से गुजरने के लिए कहा जा सकता है।

शीतकालीन सत्र महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से महीनों पहले आयोजित किया जा रहा है। महंगाई से संबंधित मुद्दों, ईंधन की कीमतों में वृद्धि, खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि, कश्मीर में नागरिकों पर हालिया हमलों और किसान समूहों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शनों को विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने के लिए उठाए जाने की संभावना है।

मानसून सत्र को विपक्ष के विरोधों द्वारा देखा किया गया था, जो पेगासस स्पाइवेयर मुद्दे पर सरकार से जवाब चाहते थे और किसान कानून को निरस्त करवाने की मांग कर रहे थे। इसके निर्धारित स्थगन से दो दिन पहले इसे अनिश्चित काल के लिए रद कर दिया गया था। मानसून सत्र के दौरान सरकार सफलतापूर्वक 15 विधेयक पेश करने और 20 के लिए संसद की मंजूरी प्राप्त करने में सफल रही।


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